बेकार पड़ा बैंक अकाउंट कहीं बन ना जाए फ्रॉड का जरिया, बंद करवाना जरूरी, क्लोजिंग पर जरूर करें ये 4 काम
Savings Bank Account Closing: अकसर ऐसा होता है कि अगर हमें कोई अकाउंट यूज़ नहीं करना होता तो हम उसमें से पैसे निकालकर उसे यूं ही छोड़ देते हैं, बैंक जाकर उसे बंद करवाने की जहमत नहीं उठाते हैं, लेकिन ऐसे डॉरमेंट पड़े अकाउंट्स फ्रॉड का जरिया बन सकते हैं.
Savings Bank Account Closing: क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो एक साथ कई सेविंग्स बैंक अकाउंट रखते हैं लेकिन इनमें कुछ अकाउंट ऐसे ही बेकार पड़े रहते हैं. मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट रखना फायदे का सौदा हो सकता है क्योंकि इसपर आप अलग-अलग बैंकों के फीचर्स का फायदा भी उठाते हैं और अलग-अलग इंटरेस्ट रेट पर आपके अकाउंट इंटरेस्ट का पैसा भी मिलता रहता है. लेकिन इनएक्टिव या डॉरमेंट पड़े सेविंग्स अकाउंट आपके लिए बड़ी मुसीबत भी बन सकते हैं. अकसर ऐसा होता है कि अगर हमें कोई अकाउंट यूज़ नहीं करना होता तो हम उसमें से पैसे निकालकर उसे यूं ही छोड़ देते हैं, बैंक जाकर उसे बंद करवाने की जहमत नहीं उठाते हैं, लेकिन ऐसे डॉरमेंट पड़े अकाउंट्स फ्रॉड का जरिया बन सकते हैं और इसका नतीजा आपको भुगतना पड़ सकता है.
अगर आपका ऐसा ही अकाउंट तो उसे तुरंत बंद करवा लीजिए, इसके लिए या तो अपने बैंक की ब्रांच पर जाना होगा या फिर कस्टमर केयर सर्विस को कॉल करके रिक्वेस्ट करना होगा. और फाइनली जब आप अपना अकाउंट क्लोज करवा रहे हों, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा. क्लोजिंग के वक्त ये चार काम जरूर करवाएं.
1. बकाया और सर्विस चार्ज चुकाना होगा
अधिकतर बैंकों में ऐसा नियम होता है कि अगर आपके अकाउंट में बैलेंस निगेटिव में है या कोई सर्विस चार्ज बकाया है तो आपको पहले यह चुकाना होगा. आपके अकाउंट में अगर आप मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं, तो वो निगेटिव में चला जाता है. इससे आपको पेनाल्टी भी तो भरना होता ही है, साथ ही क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है. इससे अच्छा है कि आप अपना अकाउंट क्लोज करवा लें.
2. क्लोजर चार्ज पता कर लें
बैंकों के नियम के मुताबिक, अगर आप अपना बैंक अकाउंट एक तय लिमिट के अंदर ही बंद करवा रहे हैं तो इसके लिए आपको क्लोजर चार्ज देना होता है. आमतौर पर ओपनिंग डेट के एक साल के भीतर अकाउंट बंद करवाने पर आपको ये चार्ज देना होता है. चार्ज कितना होगा, ये बैंकों पर ही निर्भर करता है.
3. पेमेंट इंस्ट्रक्शन और ऑटोमेटेड क्लियरेंस मेंटेन कर लें
अगर आपके बैंक अकाउंट से कोई सब्सक्रिप्शन या ईएमआई या ऐसा ही कोई मंथली बिल लिंक्ड है, इसे कैंसल करा लें. बैंक अकाउंट में हम ऐसे बिल लिंक करके पेमेंट इंस्ट्रक्शन दे देते हैं, जिससे ऑटोमेटेड तरीके से हर महीने पैसे कट जाते हैं, इसे कैंसल करना जरूरी है क्योंकि अगर आपने ये इंस्ट्रक्शन कैंसल नहीं किया तो आपका पेमेंट भी क्लियर नहीं होगा और आगे चलकर क्रेडिट स्कोर खराब तो होगा, एक साथ ढेर सारा खर्च भी बढ़ जाएगा.
4. अपने अकाउंट डीटेल्स अपडेट कर लें
जो अकाउंट आप बंद करवा रहे हैं, वो आपने कई जगह पर डॉक्यूमेंट्स, फॉर्म्स में दे रखा होगा. EPFO, इंश्योरेंस या आईटी डिपार्टमेंट के पास आपके डॉक्यूमेंट्स में इसी अकाउंट की डिटेल्स हो सकती हैं, तो बैंक अकाउंट क्लोज करवाने से पहले ऐसी सारी जगहों पर अपनी डीटेल्स अपडेट करा लें, ताकि आपका ट्रांजैक्शन यहां स्मूद बना रहे और आपको बाद में कोई प्रॉब्लम न आए.