वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो में कटौती से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई), निर्यातकों और घर खरीदारों को सस्ता कर्ज मिलेगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि NEFT और RTGS लेनदेन पर शुल्क हटाने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी. 

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गोयल ने अपने ट्वीट में लिखा, "रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कटौती की है, जिससे एमएसएमई, निर्यातकों और घर खरीदारों को सस्ता कर्ज मिलेगा. यह अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करेगा." भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को को नीतिगत दर में चौथाई प्रतिशत की कमी की. यह लगातार तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में कटौती की है. ताजा कटौती के बाद रेपो दर 5.75 प्रतिशत हो गई है.

मांग में नरमी की समस्या से जूझ रहे कई क्षेत्र की कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती का स्वागत किया है, मगर उनका कहना है कि क्षेत्र में सुधार इस बात पर निर्भर करेगा कि बैंक इस कटौती के फायदे का हस्तांतरण ग्राहकों तक किस प्रकार करते हैं.

प्रमुख ब्याज दर में कटौती का मकसद ग्राहकों के कर्ज की ईएमआई में कमी लाना और उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज मुहैया करवाना है, लेकिन विगत में बैंकों द्वारा इस दिशा में अरुचि चिंता की बड़ी वजह रही है. प्रमुख ब्याज दर में कटौती का हस्तांतरण ग्राहकों के लिए सुनिश्चित करना आरबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती है.