मिडिल क्‍लास और सैलरीड जब भी घर लेते हैं, तो अक्‍सर होम लोन लेते हैं. होम लोन के जरिए उन्‍हें काफी राहत मिल जाती है क्‍योंकि इससे उनकी पैसों की जरूरत भी पूरी हो जाती है, साथ ही लोन की रकम को वो किस्‍तों में चुका देते हैं. लेकिन होम लोन लंबे समय का कर्ज होता है, इसलिए कई बार लोग लोन ले तो लेते हैं, लेकिन समय से इसकी ईएमआई चुकाने में उन्‍हें परेशानी होती है. अगर आप भी नए साल में होम लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं, तो लोन लेते समय कुछ बातों का विशेष ध्‍यान रखें, इससे आपको कर्ज भी बोझ नहीं लगेगा और आप ईएमआई भी आसानी से चुकाते रहेंगे.

आर्थिक स्थिति का आकलन करें

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लोन लेने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का मूल्‍यांकन जरूर कर लें. अपनी इनकम, मौजूदा खर्च और सभी तरह के कर्ज वगैरह का आकलन करें, इससे आपको ये अहसास रहेगा कि आपको कितनी रकम लोन के तौर पर लेनी चाहिए और कितने टेन्‍योर के लिए लेनी चाहिए. अगर आप इस कैलकुलेशन के साथ लोन लेते हैं तो आप उतना ही लोन लेंगे, जिसकी ईएमआई को आसानी से चुका सकें.

लोन फीचर्स की तुलना करें

अलग-अलग बैंक के इंटरेस्ट रेट्स, लोन अमाउंट, एलटीवी रेश्यो, लोन टेन्योर और प्रोसेसिंग चार्ज में अंतर होता है. ऐसे में होम लोन के लिए अप्‍लाई करने से पहले बैंकों के लोन फीचर्स की तुलना करें, उसके बाद लोन के लिए अप्‍लाई करें. इसके अलावा लोन लेते समय आपका क्रेडिट स्‍कोर अच्‍छा होना चाहिए. इससे आपकी विश्‍वसनीयता बढ़ती है और लोन अप्रूव होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अच्‍छे क्रेडिट स्‍कोर पर कई बार बेहतर ब्‍याज दरों पर लोन भी मिल जाता है. 

टेन्‍योर बहुत ज्‍यादा न रखें

लोन का टेन्‍योर आप अगर ज्‍यादा रखते हैं तो इससे आपकी ईएमआई जरूर छोटी हो जाती है, लेकिन ब्‍याज के साथ आपको बहुत ज्‍यादा अमाउंट बैंक को देना होता है. इसलिए कोशिश करें कि लोन का टेन्‍योर कम रखा जाए. इसके लिए आपको लोन भी उतना ही लेना होगा, जिसकी ईएमआई को आप आसानी से चुका सकें. इसके लिए याद रखें कि आप जिस कीमत का मकान खरीद रहे हैं उसमें कम से कम 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट दें. जितना ज्‍यादा आप डाउन पेमेंट देंगे, उतना कम अमाउंट आपको लोन के तौर पर उठाना होगा और लोन चुकाने की अवधि छोटी रख पाएंगे.

लोन का बीमा जरूर कराएं

लोन एक लायबिलिटी होती है, इसलिए इसे लेते समय आपको अपने परिवार को सुरक्षित करने के लिए लोन का बीमा जरूर कराना चाहिए. आजकल ज्‍यादातर बैंकों में लोन लेते समय ये बीमा ऑफर किया जाता है. अगर आप लोन का इंश्‍यारेंस करवा लेते हैं, तो किसी अनहोनी की स्थिति में लोन चुकाने का जिम्‍मा आपके परिवार पर नहीं आएगा. इसे इंश्‍योरेंस कंपनी चुकाएगी.

एग्रीमेंट को ध्‍यान से पढ़ें

लोन लेते समय बैंक और आपके बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है. अक्‍सर लोग इसे ठीक से पढ़ते नहीं और साइन कर देते हैं. लोन लेते समय इस एग्रीमेंट को भी अच्‍छे से पढ़ लें. इसमें ब्याज दरें, पुनर्भुगतान अवधि, पूर्व भुगतान शुल्क, देर से भुगतान जुर्माना और कर्ज से जुड़ी तमाम बातें लिखी होती हैं, इस पर खासतौर पर ध्‍यान दें.