सरकारी नौकरी करने वाली आरती ने होम लोन लेकर एक फ्लैट खरीदा है. हर महीने उनके अकाउंट से Home Loan की EMI निर्धारित डेट पर ऑटोमैटिकली कटती रहती है. लेकिन एक बार कुछ कारणों से उनके अकाउंट में बैलेंस कम रह गया और उस पर वो ध्‍यान नहीं दे पाईं. इसी बीच EMI Deduction के लिए तय तारीख निकल गई और उनकी ईएमआई बाउंस हो गई. EMI बाउंस होते ही उनके मन में ये फिक्र होने लगी कि कहीं उनका क्रेडिट स्‍कोर कहीं कम न हो जाए.

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स्‍कोर गड़बड़ न हो इसके लिए वो तमाम तरीके पता करने लगीं, ताकि भविष्‍य में कोई अन्‍य लोन लेने की नौबत आए तो किसी तरह की दिक्‍कत न हो. आरती की तरह ये समस्‍या किसी के सामने भी आ सकती है. लेकिन ऐसे में ये सवाल उठता है कि कभी गलती से एक EMI मिस हो जाए तो क्‍या उससे सिबिल स्‍कोर खराब हो जाता है या फिर उस गलती को सुधारने का कोई तरीका है? यहां बताते हैं आपको इस बारे में-

क्‍या है नियम?

इस मामले में बैंक की एक अधिकारी बताती हैं कि अगर कोई ग्राहक होम लोन की पहली किस्त नहीं चुकाता है तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसे गंभीरता से नहीं लेता है. बैंक को लगता है कि किसी कारणवश EMI में चूक हो गई है, इसलिए ईएमआई पेमेंट की अगली डेट तक बैंक ग्राहक को मौका देता है. लेकिन जब लगातार दो ईएमआई मिस होती हैं तो बैंक उसे गंभीरता से लेता है और ग्राहक को रिमाइंडर भेजता है. इसके बाद भी ग्राहक तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है तो बैंक फिर लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है. इसके बाद भी अगर लोन की किस्‍त न दी जाए तो बैंक ग्राहक को डिफॉल्‍टर घोषित करता है. इसलिए अगर आपसे पहली किस्‍त बाउंस हो गई है तो परेशान न हों. 

पहली EMI बाउंस होने पर उठाएं ये कदम

बैंक जाकर समस्‍या बताएं

अगर आपने ऐसा जानबूझकर नहीं किया है, किसी मुश्किल या विपरीत परिस्थिति अचानक आने की वजह से आपकी ईएमआई बाउंस हुई है तो आपको सबसे पहले बैंक की उस शाखा में जाना चाहिए, जहां से आपने लोन लिया है. वहां जाकर मैनेजर से मिलें और उनसे इस बारे में बात करें. अपनी समस्‍या बताएं. मैनेजर को भरोसा दिलाएं कि भविष्‍य में ऐसा नहीं होगा. अगर आपकी बात वाजिब होगी तो वो आपकी इस समस्‍या का समाधान जरूर बताएंगे. हो सकता है कि ईएमआई मिस होने के बदले में आपको पेनल्‍टी देनी पड़े. लेकिन वो इतनी नहीं होगी कि आप दे न सकें.

ईएमआई को होल्‍ड करने के लिए आवेदन

अगर आपकी समस्‍या ज्‍यादा बड़ी है और आपको लगता है कि आगे भी आप कुछ समय तक ईएमआई देने में सक्षम नहीं हैं, तो आप मैनेजर को अपनी मजबूरी बताकर कुछ समय तक किस्‍त को होल्‍ड करने के लिए आवेदन लगा सकते हैं. कई बार वाजिब कंडीशन में मोरेटोरियम की सुविधा मिल जाती है. ऐसे में ग्राहक की ईएमआई को कुछ समय के लिए होल्‍ड कर दिया जाता है. लेकिन इस बीच ब्‍याज का पेमेंट देना होता है. इस सुविधा से आपको मुश्किल समय में थोड़ी राहत मिल जाएगी.

एरियर EMI का विकल्‍प

अगर आपकी सैलरी लेट आती है या निर्धारित तिथि तक आपके पास ईएमआई के पैसों का इंतजाम नहीं हो पाता और इसके कारण ईएमआई बाउंस हो रही है, तो आप आप एरियर EMI के लिए मैनेजर से बात कर सकते हैं. लोन की किस्त की तारीख आमतौर पर महीने की शुरुआत में होती है, इसे एडवांस EMI कहते हैं. ज्‍यादातर लोन लेने वालों को एडवांस ईएमआई का विकल्‍प दिया जाता है. लेकिन अगर आप चाहें तो आप एरियर EMI का विकल्‍प भी ले सकते हैं. इसमें आप महीने की आखिर में अपनी किस्‍त चुकाते हैं.