रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेपो रेट में कटौती के बाद देश के बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक ने भी अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है. एचडीएफसी बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती की ऐलान किया है. कटौती के बाद तय की गई नई दरें आज यानी 8 अप्रैल से लागू होंगी. एचडीएफसी बैंक के इस फैसले के बाद होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेना सस्ता हो जाएगा. 

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कम होती है EMI

MCLR में कटौती का फायदा सिर्फ नए ग्राहकों को ही नहीं, बल्कि पुराने ग्राहकों को भी मिलता है. पुराने ग्राहकों का मौजूद लोन रेट कम हो जाएगा. मतलब यह पहले की तुलना में कम EMI देनी होगी. साथ ही नए ग्राहकों को नई दरों पर लोन मिलेगा. पहले के मुकाबले यह सस्ता होगा और मासिक आधार पर ईएमआई भी कम चुकानी होगी. अब दूसरे बैंकों पर भी ब्याज दर कम करने का दबाव आ सकता है.

कितनी की गई कटौती

HDFC बैंक ने MCLR में 0.05-0.10 फीसदी की कटौती की है. HDFC बैंक ने 1 साल के कर्ज पर MCLR 8.75 फीसदी से घटाकर 8.70-8.65 फीसदी कर दिया है. बैंक के ज्यादातर कर्ज इसी अवधि की ब्याज दर से जुड़े होते हैं. इसके अलावा बैंक ने छह महीने, तीन महीने और एक महीने के एमसीएलआर को घटाकर 8.50-45 फीसदी, 8.40-35 फीसदी और 8.30 फीसदी किया है.

क्या होता है MCLR

MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट कहते हैं. इसमें बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बैंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. वहीं, इसमें कटौती से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन सस्ते हो जाते हैं.

RBI के फैसले के बाद उठाया कदम

RBI ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी में रेपो रेट 0.25% घटाया था. आरबीआई की मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में इस पर फैसला लिया. रेपो में कटौती के बाद यह 6 फीसदी पर आ गया है. रिवर्स रेपो रेट भी घटकर 5.75 फीसदी पर आ गया है. अब बैंकों के सामने चुनौती है कि लगातार दो बार हुए रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दरें कम करें. एसबीआई ने पहले ही कटौती का ऐलान कर दिया था. अब एचडीएफसी के बाद दूसरे बैंकों के ऐलान का भी इंतजार रहेगा.