लगातार बढ़ते एनपीए और कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कमजोर प्रदर्शन के बाद बैंकिंग सेक्टर में विलय (मर्जर) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर सरकार ने कदम बढ़ाए हैं. इसके तहत अब सरकार देश के तीन बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का विलय करेगी. इन तीनों बैंकों के विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का तीसरा सहसे बड़ा बैंक होगा. सरकार ने लंबे समय से चल रहे विचार-विमर्श के बाद सोमवार को इस खबर से पर्दा हटाया.

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भारतीय स्टेट बैंक में उनके सहयोगी बैंकों के विलय के बाद इस अगले विलय पर फैसला मंत्रियों के एक खास पैनल ने लिया है, जिनमें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं.

वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने बताया कि दुनिया की एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनने के लिए हमें एक मजबूत और विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है, जिसमें निवेशकों की विशेष रुचि हो. तीनों बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के बोर्ड को एक विशेष पैनल द्वारा विलय के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया है.

बैंक कर्मचारियों को परेशान होने की जरूरत नहीं

हालांकि बोर्ड बैठक के लिए अभी तारीख तय नहीं हुई है. बैंकों सरकार की तरफ से औपचारिक सूचना का इंतजार करेंगे. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया में छह माह लगेंगे. इसमें शेयरधारकों, विनियामकीय और सरकारी अनुमति मिलना है. बताया जा रहा है कि बोर्ड की अनुमति महज एक औपचारिकता है. वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने बैंकों को इस बात का आश्वासन भी दिया है कि उन्हें पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नए बैंक का नाम अभी तय नहीं हुआ है. साथ ही जेटली ने कर्मचारियों को किसी भी रूप में परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है.

 

मोदी सरकार का चौथा पुनर्गठन

मोदी सरकार में वितीय क्षेत्र में यह चौथा पुनर्गठन है. इससे पहले सरकार ने तीन साधारण बीमा कंपनी के विलय और एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में अधिकांश हिस्सेदारी की अनुमति प्रदान की थी. एसबीआई के साथ उसके सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भी विलय किया गया था.