सरकारी बैंकों को चौथी तिमाही में मिल सकती है पूंजी, अगली तिमाही में होगी समीक्षा
Government Bank Capital Infusion News: चालू वित्त वर्ष में अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों (public sector banks) ने प्रॉफिट कमाया है.
Government Bank Capital Infusion News: सरकार नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Government Banks) में पूंजी डाल सकती है. सरकार ने 2021-22 के बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डालने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अगली तिमाही में बैंकों की पूंजी की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जरूरत के आधार पर नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश किया जाएगा.
सभी 12 सरकारी बैंकों ने प्रॉफिट कमाया
खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों (public sector banks) ने प्रॉफिट कमाया है, जिसे बैंकों के बही खाते को मजबूत करने के लिए वापस व्यवस्था में डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि आगे दबाव वाली संपत्तियां में बढ़ोतरी से पूंजी की जरूरत तय होगी. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने पांच सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी.
चार सरकारी बैंकों के लिए अप्रैल में लिया था ये फैसला
केंद्र सरकार ने अप्रैल में चार सरकारी बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला लिया था. इनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 4,800 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक में 4,100 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया में 3,000 करोड़ रुपये और यूको बैंक में 2,600 करोड़ रुपये शामिल हैं. तब यह पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2021 के लिए बाकी बजटीय अलॉटमेंट से बिना ब्याज वाले स्पेशल सरकारी प्रतिभूतियों के जरिये किया गया है.
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नई पूंजी डालने के लिए शून्य कूपन बॉन्ड की थी चर्चा
सरकारी बैंकों (Government Bank) में नई पूंजी डालने के लिए शून्य कूपन बॉन्ड जारी करने पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ चिंता जताए जाने के बाद वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने साल के शुरू में दूसरे विकल्पों पर विचार करने की बात कही थी. इसमें कहा गया था कि वित्त मंत्रालय बैंकों में पूंजी डालने के लिए बैंक निवेश कंपनी (बीआईसी) गठित करने सहित दूसरे ऑप्शन पर विचार कर रहा है. दरअसल, तब पी जे नायक समिति ने भारत में बैंकों के बोर्ड संचालन पर तैयार अपनी रिपोर्ट में बीआईसी को बैंकों की होल्डिंग कंपनी के रूप में स्थापित करने या मुख्य निवेश कंपनी बनाए जाने का सुझाव दिया था.