सरकारी बैंकों (Government Banks) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही (April-June Quarter) में 19,964 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 2,867 मामले सामने आए हैं. खबर के मुताबिक, 12 बैंको में एसबीआई (SBI) में सबसे अधिक 2,050 धोखाधड़ी के मामले सामने आए. इन मामलों से जुड़ी राशि 2,325.88 करोड़ रुपये है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया को धोखाधड़ी से सबसे ज्यादा चोट पहुंची है. इस दौरान बैंक ऑफ इंडिया में 5,124.87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 47 मामलों का पता चला. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूचना के अधिकार के तहत भारतीय रिजर्व बैंक से यह जानकारी मांगी गई थी. देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आए. वहीं मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) धोखाधड़ी से सबसे अधिक प्रभावित रहा.

इसके अलावा केनरा बैंक में 3,885.26 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 33, बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,842.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 60, इंडियन बैंक में 1,469.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 45, इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,207.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 37 और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1,140.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के नौ मामले सामने आए.

इस दौरान दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में सिर्फ 270.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए. हालांकि, बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 240 रही.

दूसरे बैंकों की बात की जाए, तो यूको बैंक में 831.35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 130, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 655.84 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 149, पंजाब एंड सिंध बैंक में 163.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 18 और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 46.52 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 49 मामले सामने आए हैं. 

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने जवाब में कहा है कि बैंकों की ओर से दिए गए ये शुरुआती आंकड़े हैं. इनमें बदलाव या सुधार हो सकता है. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी से जुड़ी राशि का मतलब बैंक को इतने ही राशि के नुकसान से नहीं है.