Loan Interest Rates: ईएमआई पर जीवन काट रहे नौकरीपेशा लोगों को कब राहत मिलेगी, इसके बारे में तो अभी कहना बहुत मुश्किल है. लेकिन आने वाले समय में लोन और महंगा हो सकता है, इसके पूरे संकेत मिल रहे हैं. अब जब लोन महंगा होगा तो आपकी ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी और जब ईएमआई बढ़ेगी तो आपकी सेविंग्स (Savings) घट जाएगी. जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन (Chakravarthi Rangarajan) ने महंगाई को काबू में करने के लिए RBI के मौजूदा सख्त रुख को बनाए रखने की वकालत की है. सी. रंगराजन ने ये उम्मीद भी जताई है कि पूंजी की आवक दोबारा शुरू होने से रूपये को मजबूती मिलेगी.

दरों में और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं पूर्व गवर्नर

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आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चर में समर कांति पॉल स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाने के लिए भारत को अगले पांच साल तक 8-9 फीसदी की सालाना वृद्धि दर हासिल करनी होगी. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि सात फीसदी पर भी पहुंच जाएगी तो उन्हें खुशी होगी.

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने नीतिगत दरों में वृद्धि के संदर्भ में कहा, ''मौजूदा नीतिगत रूख जारी रहना चाहिए. विकसित देश भी दरों में तीव्र वृद्धि कर रहे हैं, मैं दरों में और वृद्धि की उम्मीद कर रहा हूं.'' रुपये के बारे में उन्होंने कहा कि पूंजी की निकासी की वजह से घरेलू मुद्रा में तेजी से गिरावट आई है और यह 79 से 80 प्रति डॉलर तक गिर गया है.

उच्च वृद्धि दर हासिल करने के लिए 33 फीसदी तक करनी होगी निवेश की दर

रंगराजन ने कहा, ''अब पूंजी की आवक होने से रुपया मजबूत होगा, फिर भी यह कोविड से पहले के स्तर तक नहीं पहुंच पाएगा.'' उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि दर को हासिल करने के लिए निवेश की दर बढ़ाकर 33 फीसदी तक करनी होगी जो फिसलकर 27-28 फीसदी तक पहुंच गई है. उन्होंने निजी निवेश की हिस्सेदारी बढ़ाने की भी बात कही.