सरकारी बैंकों के मर्जर पर वित्त सचिव ने कही ये बात, नए भारत की जरूरतें इनसे होंगी पूरी
Finance Secretary: वित्त सचिव ने कहा, ‘‘अगले चरण की वृद्धि को समर्थन के लिए देश को बड़े बैंकों की जरूरत है. बैंकों के विलय की जो बड़ी घोषणा हुई है उससे इसमें मदद मिलेगी. अब हमारे पास छह विशाल आकार के बैंक होंगे.
वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का मर्जर कर चार बैंक बनाने से बैंकों के एकीकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि आकांक्षी और नए भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए 12 सरकारी बैंकों की संख्या बिल्कुल उचित है. इस एकीकरण के पूरा होने के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी. वर्ष 2017 में यह 27 थी.
कुमार ने रविवार को कहा, ‘‘बैंकों की यह संख्या देश की जरूरत के हिसाब से पूरी तरह उचित है.’’ सरकार ने 30 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का एकीकरण कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी. कुमार ने कहा कि सरकार के इस फैसले से 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी.
वित्त सचिव ने कहा, ‘‘अगले चरण की वृद्धि को समर्थन के लिए देश को बड़े बैंकों की जरूरत है. बैंकों के विलय की जो बड़ी घोषणा हुई है उससे इसमें मदद मिलेगी. अब हमारे पास छह विशाल आकार के बैंक होंगे. इन बैंकों का पूंजी आधार, आकार, पैमाना और दक्षता उच्च स्तर की होगी.
कुमार ने बैंकिंग क्षेत्र के बही खातों को साफ सुथरा बनाने के अभियान की अगुवाई की है. उनके कार्यकाल में कई चीजें पहली बार हुई हैं. बैंकिंग इतिहास में उनमें सबसे अधिक पूंजी डाली गई है. इसी तरह पहली बार बैंक ऑफ बड़ौदा की अगुवाई में तीन बैंकों का विलय हुआ है.
बैंकों के बही खातों को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया के अब नतीजे सामने आने लगे हैं. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 18 में से 14 सार्वजनिक बैंकों ने लाभ दर्ज किया है. इससे पहले इसी साल विजया बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय हुआ. इससे देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक अस्तित्व में आया.
अप्रैल, 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में पांच सहायक बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद तथा भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था.