बाजार में सबसे ज्‍यादा 500 रुपए के नकली नोट चल रहे हैं. जबकि 2000 रुपए के जाली नोटों में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने खुद यह स्‍वीकार किया है. उसकी रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के नोट की जालसाजी में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले साल की तुलना में 121 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जबकि इस अवधि में 2,000 रुपये के नोटों की जालसाजी में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि 500 रुपए का नोट जब भी मिले, उसे जरूर चेक कर लें. क्‍योंकि वह नकली भी हो सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

100 रुपए के नोट की जालसाजी घटी

अच्‍छी बात यह रही कि 100 रुपये के नोटों की जालसाजी में 7.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. 

200 रुपए के नकली नोट भी बढ़े

RBI ने कहा कि अगस्त 2017 में लॉन्‍च किए गए 200 रुपये के नोटों के कुल 12,728 जाली नोट पकड़े गए, जबकि 1 साल पहले यह संख्या 79 थी.

10, 20 और 50 में भी जालसाजी

इसके अलावा, RBI ने 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नोटों की जालसाजी में क्रमश: 20.2 फीसदी, 87.2 फीसदी और 57.3 फीसदी की बढ़ोतरी मिली है. 

बैंकों ने पकड़े नोट

आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र में जिन नकली भारतीय नोट (FICN's) की पहचान की गई, उसमें से 5.6 फीसदी आरबीआई द्वारा और 94.4 फीसदी अन्य बैंकों द्वारा की गई.

 

नोटों की छपाई में कुल 48.11 अरब रुपये खर्च

आरबीआई ने बताया कि 1 जुलाई 2018 से 30 जून 2019 के बीच नोटों की छपाई में कुल 48.11 अरब रुपये खर्च किए गए, जबकि पिछले साल इसमें 49.12 अरब रुपये खर्च किए गए थे.