LIC के इस सरकारी बैंक का दर्जा बदलने का बैंकरों ने किया विरोध, जानिए क्या है मांग
आईडीबीआई बैंक (IDBI) के कर्मचारियों ने निजी बैंक के रूप में बैंक को श्रेणीबद्ध किए जाने का विरोध किया है. वे वेतन और सेवा सुरक्षा को लेकर दूसरे राष्ट्रीयकृत बैंक में जाने की मांग रहे हैं.
आईडीबीआई बैंक (IDBI) के कर्मचारियों ने निजी बैंक के रूप में बैंक को श्रेणीबद्ध किए जाने का विरोध किया है. वे वेतन और सेवा सुरक्षा को लेकर दूसरे राष्ट्रीयकृत बैंक में जाने की मांग रहे हैं. हाल में आरबीआई ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने नियामकीय मकसद से 21 जनवरी 2019 से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक की श्रेणी में डाल दिया गया है. एलआईसी के आईडीबीआई बैंक में पेड कैपिटल का 51 प्रतिशत अधिग्रहण के बाद बैंक को निजी श्रेणी में डाला गया है.
एआईआईडीबीआईओए के सचिव ए.वी. विठल कोटेश्वर राव ने बैंकिंग सचिव राजीव कुमार, क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय) और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) को लिखे एक पत्र में कहा है, "ऑल इंडिया आईडीबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईआईडीबीआईओए) ने सभी अधिकारियों को वेतन व सेवा की सुरक्षा के साथ किसी अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक में जाने के विकल्प की मांग को लेकर 30 मार्च को एक दिन की भूख हड़ताल करने का प्रस्ताव किया है."
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा संचालित भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने जनवरी में वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे IDBI बैंक में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा किया था. बैंक के बोर्ड ने बैठक के दौरान राजेश कंडवाल को बतौर अतिरिक्त निदेशक उनकी नियुक्ति और निदेशक मंडल में एलआईसी द्वारा मनोनीत निदेशक को मंजूरी प्रदान की गई. इतनी हिस्सेदारी खरीदने से वह बैंक का सबसे बड़ा अंशधारक बन गया.