SBI से आज से खरीद सकेंगे चुनावी बॉन्ड, जानें क्या होता है ये और चुनावी पार्टियों के सामने क्या शर्तें रखती हैं सरकार
SBI Electoral Bonds: आज मंगलवार से चुनावी पार्टियां देश के सभी राज्यों की राजधानियों में स्थित एसबीआई की शाखा से चुनावी बॉन्ड खरीद सकेंगे. चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिन के लिए वैध होंगे और यदि वैधता अवधि समाप्त होने के बाद चुनावी बांड जमा किया जाता है, तो किसी भी भुगतानकर्ता राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.
चुनावी बॉन्ड की बिक्री शुरू हो गई है. प्रमुख सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 2 जनवरी से 11 जनवरी तक राज्य की राजधानियों में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से इसे लेकर आधिकारिक बयान जारी कर दिया गया है. आज मंगलवार से चुनावी पार्टियां देश के सभी राज्यों की राजधानियों में स्थित एसबीआई की शाखा से चुनावी बॉन्ड खरीद सकेंगे.
क्या होता है चुनावी बॉन्ड?
भारत सरकार ने जनवरी 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना को अधिसूचित किया था, जिसे फिर नवंबर 2022 में संशोधित किया गया था. चुनावी बॉन्ड की पेशकश साल 2017 में फाइनेंशियल बिल के साथ की गई थी. 29 जनवरी, 2018 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA गवर्नमेंट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम 2018 को अधिसूचित किया था. सरकार ये नई स्कीम राजनीतिक पार्टियों के चुनाव के लिए फंडिंग जुटाने की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और भ्रष्टाचार से दूर करने के लिए लाई थी.
चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र होता है जिसे कोई भी भारतीय स्टेट बैंक किसी भी शाखा से खरीद सकता है. ये एक तरीके से दान होता है जिसे कोई भी व्यक्ति या कंपनी खरीद सकता है और अपनी पसंद की राजनीतिक पार्टी को दान में दे सकता है. कोई भी व्यक्ति या फिर पार्टी इन बॉन्ड को डिजिटल फॉर्म में या फिर चेक के रूप में खरीद सकते हैं. ये बॉन्ड बैंक नोट की तरह होते हैं, जिन्हें बाद में भुनाया जा सकता है.
क्या होती हैं शर्तें?
योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बांड किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा खरीदा जा सकता है जो भारत का नागरिक है या भारत में निगमित या स्थापित है. एक व्यक्ति व्यक्तिगत होने के नाते अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बांड खरीद सकता है.
चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिन के लिए वैध होंगे और यदि वैधता अवधि समाप्त होने के बाद चुनावी बांड जमा किया जाता है, तो किसी भी भुगतानकर्ता राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा. पात्र राजनीतिक दल द्वारा जमा किये गये चुनावी बांड का पैसा उसी दिन उनके खाते में आ जाएगा.
केवल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल और जिन्हें पिछले आम चुनाव या विधानसभा चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट मिले थे, वे चुनावी बांड प्राप्त करने के पात्र होंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चुनावी बांड को किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के बैंक खाते के माध्यम से भुनाया जाएगा.