RBI: नए गवर्नर की अगुवाई में फरवरी में घटेगा Repo Rate? नोमुरा के विश्लेषक जता रहे उम्मीद
संजय मल्होत्रा की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर के रूप में नियुक्ति ने फरवरी में अगली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना को मजबूत किया है. विश्लेषकों ने मंगलवार यह अनुमान जताया.
संजय मल्होत्रा की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर के रूप में नियुक्ति ने फरवरी में अगली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना को मजबूत किया है. विश्लेषकों ने मंगलवार यह अनुमान जताया. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास दरों को लेकर ‘अपने रुख पर अड़े हुए हैं’, जैसा कि छह दिसंबर की बैठक में देखा गया.
विश्लेषकों ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में दर निर्धारण समिति ने दरों पर यथास्थिति जारी रखी. जापानी ब्रोकरेज नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा कि मल्होत्रा एक नौकरशाह भी हैं, और माना जा रहा है कि उनकी अगुवाई में मौद्रिक नीति अधिक उदार होगी. ब्रोकरेज घराने ने यह भी कहा कि फरवरी की बैठक में दरों में कटौती होने की पक्की संभावना है. नोमुरा ने कहा कि वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अगली बैठक में दरों में कटौती उचित है.
ब्रोकरेज ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में ब्याज दरों में कटौती के मुद्दे पर सरकार और आरबीआई के बीच एक स्पष्ट विभाजन उभरता हुआ दिखाई दे रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, दोनों ने नीति को सख्त रखने के लिए आरबीआई की आलोचना की है. घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है.
इसमें कहा गया कि मल्होत्रा को नियुक्त करने का फैसला अंतिम समय में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर एक टेक्नोक्रेट के बजाय एक नौकरशाह को रखने में सहज है. ब्रोकरेज यूबीएस के विश्लेषकों ने कहा कि वित्त मंत्रालय से नए गवर्नर के आने से बाजार सहभागी यह सोच सकते हैं कि मौद्रिक नीति निर्णयों में सरकार की भूमिका और मजबूत हो सकती है. उन्होंने कहा कि मल्होत्रा को वृद्धि जोखिम और मुद्रास्फीति में हाल में हुई वृद्धि को संतुलित करना होगा.