बैंक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड को लेकर बड़ी खबर है. जल्द ही आपका डेबिट-क्रेडिट कार्ड काम करना बंद कर सकता है. दरअसल, मैग्नेटिक स्ट्राइप वाले कार्ड को बैंक बंद करने जा रहे हैं. देश में इस वक्त दो तरह के डेबिट-क्रेडिट कार्ड मौजूद हैं. पहला कार्ड मैग्नेटिक स्ट्राइप वाला और दूसरा चिप वाला कार्ड. लेकिन, अब मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड बंद हो जाएंगे. चिप वाले कार्ड से इन्हें रिप्‍लेस कर दिया जाएगा. दरअसल, RBI के आदेशानुसार ऐसा किया जा रहा है. कार्ड रिप्लेस की डेडलाइन 31 दिसंबर 2019 है. ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल्‍स को सिक्‍योर रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.

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पुरानी टेक्नोलॉजी है मैग्नेटिक स्ट्राइप

आरबीआई के मुताबिक, मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप कार्ड अब पुरानी टेक्‍नोलॉजी हो चुकी है. ऐसा कार्ड्स बनाना भी बंद कर दिया गया है. दरअसल, यह कार्ड्स पूरी तरह सिक्योर नहीं थे. यही वजह है कि इन्हें बंद किया गया. इनकी जगह EMV चिप कार्ड को तैयार किया गया है. सभी पुराने कार्ड्स को नए चिप कार्ड्स से बदला जाएगा. 

2016 में RBI ने दिया था आदेश

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2016 में सभी बैंकों को आदेश दे दिया था कि ग्राहकों के साधारण मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप कार्ड्स को चिप वाले कार्ड से रिप्‍लेस किया जाए. इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर 2019 तय की गई है. यही वजह है कि बैंक अब सिर्फ चिप वाले एटीएम कार्ड और डेबिट कार्ड जारी कर रहे हैं. ग्राहकों को इस बाबत सूचना दी गई है कि पुराने कार्ड को रिप्लेस कर लें. सेंट्रल बैंक के डाटा के अनुसार, देश में 44.2 मिलियन एक्टिव क्रेडिट कार्ड और 958.2 मिलियन एक्टिव डेबिट कार्ड मौजूद हैं.

नहीं लगेगी कोई फीस

अगर आप SBI के ग्राहक हैं तो आपके लिए जरूरी है कि जल्द ही अपना कार्ड बदल लें, क्योंकि, SBI मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप एटीएम को ब्लॉक कर रहा है. बैंक अपने ग्राहकों के लिए पुराने मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप कार्ड को चिप वाले कार्ड से रिप्‍लेस करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर चुका है. बैंक चिप वाले कार्ड्स के लिए कोई अलग से चार्ज नहीं ले रहे हैं. इसे बिल्कुल फ्री ऑफ कॉस्ट रखा गया है. हालांकि, कार्ड को तभी ब्लॉक किया जाएगा, जब उसकी एक्सपायरी डेट आने वाली हो.

क्या है दोनों कार्ड्स में अंतर?

मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप कार्ड से ट्रांजेक्‍शन के लिए कार्डहोल्‍डर के सिग्‍नेचर या पिन की जरूरत होती है. इस पर आपके अकांउट की डिटेल्‍स मौजूद होती है. इसी स्‍ट्राइप की मदद से कार्ड स्‍वाइप के वक्‍त मशीन आपके बैंक इंटरफेस से जुड़ती है और प्रोसेस आगे बढ़ता है. वहीं, चिप वाले कार्ड में सारी इंफॉर्मेशन चिप में मौजूद होती है. इनमें भी ट्रांजेक्‍शन के लिए पिन और सिग्‍नेचर जरूरी होते हैं. लेकिन, EMV चिप कार्ड में ट्रांजेक्‍शन के वक्‍त यूजर को ऑथेंटिकेट करने के लिए एक यूनीक ट्रांजेक्‍शन कोड जनरेट होता है, जो वेरिफिकेशन को सपोर्ट करता है. ऐसा मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड में नहीं होता.

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चिप वाले कार्ड हैं ज्यादा सिक्योर

चिप वाले कार्ड ज्यादा सिक्योर हैं. इसमें डाटा चोरी होने की आशंका नहीं है. क्योंकि, उपभोक्ता की डिटेल चिप में होती है. इसे कॉपी नहीं किया जा सकता. चिप वाले कार्ड में हर ट्रांजेक्‍शन के लिए एक इन्क्रिप्‍टेड कोड जारी होता है. इस कोड में सेंध लगाना बहुत ही मुश्किल है. इसलिए ये कार्ड ज्‍यादा सेफ हैं. मैग्‍नेटिक स्‍ट्राइप वाले कार्ड से डाटा कॉपी करना आसान है. स्‍ट्राइप पर दिए गए डाटा को कॉपी करके नकली कार्ड बनाना काफी आसान है. यही वजह है कि इस तरह के एटीएम बंद करके आरबीआई लोगों की डिटेल्स और पैसे को सुरक्षित बना रहा है.