Credit Card Tips: क्रेडिट कार्ड फाइनेंशियल बैकअप का सबसे मददगार टूल है. क्रेडिट कार्ड कोई लग्ज़री शॉपिंग करने से लेकर आपकी मेडिकल इमरजेंसी तक में काम आता है. लेकिन कभी-कभी हमारी जरूरतें क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ज्यादा बड़ी हो जाती हैं. ऐसे में अगर अफोर्डेबल हो तो हम क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या फिर कार्ड को अपग्रेड कराने का ऑप्शन चुन सकते हैं. बैंक आपको अपने मौजूदा कार्ड की ही लिमिट बढ़ाने की सुविधा देते हैं, वहीं आपको अपग्रेडेड कार्ड भी मिल जाएंगे. लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि आपकी जरूरत के लिए क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने में फायदा है या फिर अपग्रेड कराने में.

लिमिट बढ़ाने और अपग्रेड कराने से क्या है मतलब?

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क्रेडिट कार्ड के लिमिट से मतलब है कि आप अपने कार्ड पर एक लिमिटेड अमाउंट तक ही उधार ले सकते हैं. इस लिमिट तक खर्च करने पर आपको कोई पेनाल्टी या एडिशनल चार्ज नहीं देना होता. क्रेडिट लिमिट बढ़वाई जा सकती है. यानी आप बैंक से कह सकते हैं कि आपके कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाए, ताकि आप उसी कार्ड पर ज्यादा क्रेडिट पा सकें. कार्ड अपग्रेड तब होता है जब आप किसी खास जरूरत को ध्यान में रखते हुए अपना कार्ड अपग्रेड कराते हैं. जैसे कि किसी रिवॉर्ड पॉइंट, प्रमोशन या ऑफर के लिए आप अपना कार्ड अपग्रेड करा लेते हैं. यानी कि आपको उसी कार्ड पर ये एक्स्ट्रा ऑफर्स मिलने लगते हैं.

कहां है ज्यादा फायदा?

क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने और अपग्रेड कराने में काफी फर्क है. अगर आपको लगता है कि आपको बस किसी खास ऑफर की जरूरत है तो आप अपग्रेडेशन अपना सकते हैं. लेकिन अगर आपको अपने खर्चे कवर करने हैं तो क्रेडिट लिमिट का ऑप्शन अपनाना चाहिए. बढ़ी हुई क्रेडिट लिमिट से आपको ज्यादा क्रेडिट मिलेगा, आप इमरजेंसी की स्थिति में इसका फायदा ले सकते हैं. अपग्रेडेशन के साथ ये दिक्कत है कि आपको इसपर एक्स्ट्रा ऑफर तो मिल सकता है, लेकिन लिमिट वही रहेगी. ऐसे में आपको इससे खर्चों को कवर करने में मदद नहीं मिलेगी.

कई से एक बेहतर....

वहीं अगर आप ज्यादा ऑफर्स के चक्कर में एक्स्ट्रा क्रेडिट कार्ड ही ले लेते हैं तो इससे आपका बजट तो गड़बड़ ही हो सकता है. आपके लिए कई तरह के पेमेंट ट्रैक करना, क्रेडिट स्कोर मेंटेन करना, इंटरेस्ट भरना बहुत भारी हो सकता है. कई कार्ड्स रखने से अच्छा है कि आप एक ही कार्ड रखें.