कई बार ऐसा देखा गया है कि ग्राहकों की मर्जी के बगैर ही बैंकों (Bank) की तरफ से उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी कर दिए जाते हैं. किसी भी बैंक की तरफ से ऐसा करना गलत है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक कोई भी बैंक ग्राहकों से उनकी इजाजत लिए बगैर उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता है.

ऐसा होने पर क्या करें?

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अगर आपकी मर्जी के बिना कोई बैंक क्रेडिट कार्ड जारी कर दे तो सबसे पहले तो आपको उसे एक्टिवेट नहीं करना चाहिए. बता दें कि कार्ड एक्टिवेट करने के लिए आपके मोबाइल ओटीपी की जरूरत पड़ती है. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड को लेकर 7 मार्च 2024 को कुछ मास्टर डायरेक्शन जारी किए गए थे. इसके तहत कार्ड जारी करने वाले को पहले ग्राहक की इजाजत लेनी जरूरी है. 

अगर आप कार्ड को एक्टिवेट नहीं करेंगे तो बैंक की तरफ से उसे कुछ दिनों बाद बंद कर दिया जाएगा और उसकी जानकारी भी आपको भेज दी जाएगी. इस प्रक्रिया में बैंक आपसे कोई क्लोजिंग फीस भी चार्ज नहीं कर सकता है. ग्राहक को जब कार्ड के बंद होने का मैसेज मिल जाए तो उसे बर्बाद कर देना चाहिए. इसके लिए सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप अपने कार्ड को कई टुकड़ों काटकर फेंक दें, ताकि उस पर लगी मैगनेटिक स्ट्रिप और उसकी चिप पूरी तरह से बर्बाद हो जाए.

RBI से करें शिकायत

भले ही आपका कार्ड बंद हो जाए, लेकिन आपको उसके बाद भी इसकी शिकायत करनी चाहिए. आप कार्ड जारी करने वाले बैंक से ही इसकी शिकायत कर सकते हैं. अगर वहां बात ना बने तो आप शिकायत को भारतीय रिजर्व बैंक ओमबुड्समैन (RBI Ombudsman) तक पहुंचा सकते हैं.

RBI Ombudsman में कैसे करें शिकायत?

अगर कार्ड जारी करने वाले बैंक की तरफ से 30 दिनों तक भी जवाब नहीं आता है तो  आपRBI Ombudsman में शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए आपको https://cms.rbi.org.in पर जाना होगा और वहां से आप शिकायत कर सकते हैं.