KYC में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए Central KYC 2.0 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. CKYC 2.0 के शुरू होने के बाद मौजूदा Central KYC का डेटा इस नए सिस्टम पर ट्रांसफर हो जाएगा. Central KYC Records Registry 2.0 में बैंकों और RE के लिए फाइनेंशियल सिस्टम को और मजबूत बनाया जाएगा. बता दें कि हाल ही में RBI ने हाई रिस्क पर बताया था.

क्यों लाया गया CKYC 2.0?

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मौजूदा CKYC सिस्टम इसलिए बनाया गया था, ताकि सभी बैंक या  Regulated entities (RE) इसे रेफर कर सकें. लेकिन ऐसा देखा गया कि इस CKYC सिस्टम में बहुत सा डेटा गलत है या डेटा की जगह जार्गन का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कि इसके गलत इस्तेमाल या फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है. यही कारण है कि ज्यादातर बैंक या RE अपनी KYC अलग से कराते हैं. इसमें वीडियो KYC या थंब प्रिंट किया जाता है. हालांकि, इसमें बैंकों का कॉस्ट और समय भी जाता है. इन सबको देखते हुए CKYC के नए सिस्टम को लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. 

CKYC 2.0 में आम आदमी को मिलेगी बड़ी राहत

CKYC 2.0 आम लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है. दरअसल, नए सिस्टम में लोग अपने CKYC डेटा को एक्सेस कर पाएंगे. अगर कोई बैंक या RE इस डेटा का इस्तेमाल करती है, तो यूजर को इस बात की जानकारी एसएमएस या मैसेज के जरिए दी जाएगी कि अमुक बैंक या RE आपके डेटा को एक्सेस या अपडेट कर रही है. 

इसके साथ ही आम लोगों को इस सिस्टम में ये फायदा भी होगा कि नाम या एड्रैस के मिसमैच को इसके जरिए दूर किया दा सकेगा. जैसे मान लें कि आपने अपने पैन और आधार कार्ड में से किसी एक डॉक्यूमेंट पर मिडिल नाम रखना भूल गए हैं, तो इसका समाधान भी मिल सकेगा. 

CKYC 2.0 में बैंकों को होगा फायदा

बता दें कि, इस नए सिस्टम का फायदा बैंकों और RE को भी मिलने वाला है. अगर किसी यूजर के किसी KYC डेटा के साथ कोई फ्रॉड जुड़ा है, तो इस नए सिस्टम में इन्हें फ्लैग कर दिया जाएगा, जिससे बाकी दूसरे बैंकों या RE को भी चौकन्ना किया जा सकता है. वहीं, अगर किसी का KYC डॉक्यूमेंट कंप्लीट है, तो दूसरे बैंकों का भी समय बचेगा. 

कौन बना रहा है CKYCRR 2.0?

CKYCRR 2.0 को बनाने का ज़िम्मा CERSAI (The central registry of securitisation asset reconstruction and security interest of india) को दिया गया है. CERSAI ने इस साल फरवरी में इससे जुड़ा एक टेंडर भी निकाला था, जो कि मई तक खुला था.