दुनिया की शक्तिशाली महिलाओं में शामिल रहीं आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. CBI इस मामले में दिल्ली और मुंबई समेत 4 जगहों पर छापा भी मार रही है. मुंबई में वीडियोकॉन के नरीमन पॉइंट स्थित मुख्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है. यह छापेमारी वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन मामले के सिलसिले में हो रही है.

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औरंगाबाद में भी छापेमारी

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े ऋण मामले में मुंबई के अलावा औरंगाबाद में वीडियोकॉन ग्रुप के मुख्यालयों पर छापेमारी की है. सीबीआई को उम्मीद है कि छापेमारी में कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते हैं.

चंदा कोचर दे चुकी हैं इस्तीफा

आपको बता दें, चंदा कोचर ने 4 अक्टूबर 2018 को ICICI बैंक के CMD पद से इस्तीफा दे दिया था. बैंक के बोर्ड ने समय से पूर्व पद छोड़ने की उनकी मांग को स्वीकार करने के बाद उनकी जगह संदीप बख्शी को मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर नियुक्त किया था. 

क्या है पूरा मामला

चंदा कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन देने में अनियमितता का आरोप लगा था. वीडियोकॉन को दी गई 3250 करोड़ की राशि कुल 40 हजार करोड़ रुपए के लोन का एक हिस्सा थी, जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था. कोचर पर आरोप लगा कि उन्होंने अवैध तरीके से निजी लाभ लिया. इसमें चंदा कोचर के पति दीपक कोचर का नाम भी सामने आया था.

वीडियोकॉन के चेयरमैन पर भी आरोप

वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर भी इस मामले में आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपए न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे. इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था. चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए.