सार्वजनिक क्षेत्र के Canara Bank ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी का फैसला किया है. अलग-अलग अवधि के लोन के लिए MCLR में 15-25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है. नई दर 7 जनवरी से प्रभावी होगी. ओवरनाइट MCLR 7.50 फीसदी कर दिया गया. पहले यह 7.30 फीसदी था. इसमें 20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है. एक महीने का MCLR भी 7.50 फीसदी किया गया है. तीन महीने का MCLR अब 7.85 फीसदी कर दिया गया है. पहले यह 7.60 फीसदी था. इसमें 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है. 7 जनवरी से रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट्स यानी RPLR 9.15 फीसदी हो गया है.

1 साल का स्टैंडर्ड MCLR अब 8.35 फीसदी

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छह महीने के लिए MCLR को बैंक ने बढ़ाकर 8.20 फीसदी कर दिया है. पहले यह 8.05 फीसदी था. इसमें 15 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है. एक साल का स्टैंडर्ड MCLR बढ़ाकर अब 8.35 फीसदी कर दिया गया है. पहले यह 8.15 फीसदी था. इस तरह इसमें 20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है. इससे पहले दिसंबर के पहले हफ्ते में बैंक ने सभी टेन्योर के लिए MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी.

MCLR से स्विच कर सकते हैं पुराने कर्जदाता

बैंक की तरफ जारी सूचना के मुताबिक, MCLR में संशोधन का असर केवल उन लोन या एडवांस पर होगा जिनका सैंक्शन या पहला डिस्बर्समेंट 7 जनवरी 2023 को या इसके बाद किया जाता है. बैंक के वर्तमान कर्जदारों के पास यह विकल्प है कि वे फिक्स्ड रेट ऑफ लोन से स्विच कर इंटरेस्ट रेट लिंक्ड MCLR में अपने कर्ज को ट्रांसफर करवा लें.

हर महीने की EMI बढ़ जाएगी

अगर किसी ने बैंक से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिया होगा और वह MCLR से लिंक्ड होगा तो इसका असर उनकी EMI पर होगा. हर महीने जाने वाली ईएमआई बढ़ जाएगी. मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. वर्तमान में यह 6.25 फीसदी है. माना जा रहा है कि फरवरी में जब रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी तो एक और बढ़ोतरी संभव है.

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