कर्ज और सस्ते होने की उम्मीद बरकरार, रिजर्व बैंक घटा सकता है नीतिगत ब्याज दर
RBI: अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 7 जून को होगी. इससे पहले, ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि रिजर्व बैंक जून या अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में कटौती कर सकती है. यह कटौती बारिश की स्थिति पर निर्भर करेगी.
विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा एमएल) ने सोमवार को कहा कि रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के सप्ताहांत भाषण से यह संकेत मिलता है. उनके संबोधन में आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने पर जोर था. जानकारों का कहना है कि इससे इस बातत की उम्मीद लगाई जा सकती है कि आगे कर्ज और सस्ता मिलना जारी रह सकता है.
सप्ताहांत वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की सालाना बैठक में दास ने मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति लक्ष्य से नीचे रहने के साथ आर्थिक वृद्धि में तेजी पर लाने की जरूरत पर जोर दिया था. बोफा एमएल ने एक नोट में कहा, ‘‘हम अब उम्मीद करते हैं कि मौद्रिक नीति समिति 7 जून को नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर 5.75 प्रतिशत कर सकती है.’’ अगर ऐसा होता है, यह लगातार तीसरा मौका होगा नीतिगत दर यानी रेपो में कुल मिलाकर 0.75 प्रतिशत की बड़ी कटौती होगी.
अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 7 जून को होगी. इससे पहले, ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि रिजर्व बैंक जून या अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में कटौती कर सकती है. यह कटौती बारिश की स्थिति पर निर्भर करेगी.
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देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल में ही कर्ज की ब्याज दरों में 0.05 प्रतिशत की कटौती की है. नई दरें 10 अप्रैल से लागू हो गई हैं. SBI की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संशोधित कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (MCLR) को 8.55 से घटाकर 8.50 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा अन्य कई बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती की है और आगे भी उम्मीद है बैंक ग्राहकों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराएंगे.