देश के सरकारी बैंक एसबीआई (State bank of india) के चेयरमैन रजनीश कुमार (SBI chairman Rajneesh kumar) ने बैंकों के एनपीए (NPA) के बारे में बातचीत की. उन्होंने कहा कि नए साल में देश के सराकरी बैंकों के एनपीए में कमी आएगी. इसके साथ ही अधिकतर बैंक मार्च तक अच्छी स्थिति पहुंच सकते हैं. साथ ही वह बोले कि लोन वितरण के लिए किसी भी बैंक के पास कोई कमी नहीं है. देश में लोन वितरण को बढ़ावा भी दिया जाएगा. 

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मार्च 2020 में कम होगा बैंकों का एनपीए

पीटीआई की खबर के मुताबिक, फिक्की (Ficci) के 92वें सालाना सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना तथा उपभोक्ता क्षेत्र में लोन की मांग में कोई खास कमी नहीं आई है. इन क्षेत्रों में लोन वितरण के अवसर उपलब्ध हैं. साथ ही वह बोले कि, ''31 मार्च 2020 तक अधिकांश बैंक एनपीए के लिहाज से अच्छी स्थिति में होंगे. 

बढ़ेगी लोन देने की क्षमता

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट घटाने का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैंक संपत्ति और देनदारी में असंतुलन बनने के जोखिम को देखते हुए ब्याज दर में एक सीमा से अधिक कटौती नहीं कर सकते हैं. कुमार ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में पूंजी की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट पर्याप्त लोन नहीं ले रहे हैं और अपनी क्षमता का अच्छे से उपयोग नहीं कर रहे हैं. 

नीलामी के बारे में भी की बातचीत

दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए लोन देने के बारे में उन्होंने कहा, ''हमारे लिए दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम नीलामी के लिये लोन देना पूरी तरह से असुरक्षित है. यह कागजों पर सुरक्षित है क्योंकि नीलामी सरकार करने वाली है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह पूरी तरह से असुरक्षित है. 

टेलिकॉम सेक्टर को लोन देने से पहले होगी जांच

उन्होंने कहा, ''ऐसी परिस्थितियों में बैंकों को दूरसंचार क्षेत्र को लोन देने से पहले सावधानी से मूल्यांकन करना होगा, क्योंकि लोन की किस्तों के भुगतान में चूक होने की आशंका काफी अधिक है. 

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जांच कर मिलेगा लोन

आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में देश के सरकारी बैंकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. हाल ही में हुए कई घोटालों में बैंकों को करोड़ों रुपए का चूना लगा है. इसी को ध्यान में रखते हुए एसबीआई अब लोन देने से पहले पूरी जांच की जाएगी.