झारखंड के जमशेदपुर में बैंक ऑफ इंडिया में लोन देने के नाम पर बड़ा स्कैम सामने आया है. इसे बैंक के ही दो ब्रांच मैनेजरों ने अंजाम दिया है. दो दर्जन से भी ज्यादा लोगों और कंपनियों को लोन देने के नाम पर इन दोनों मैनेजरों ने 9.24 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया. जांच में स्कैम पकड़े जाने के बाद बैंक ऑफ इंडिया के बिष्टुपुर ब्रांच के सीनियर मैनेजर ने दोनों आरोपी अधिकारियों सहित 27 व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. जिन दो ब्रांच मैनेजरों पर इस घोटाले का आरोप है, उनमें जमशेदपुर के कदमा उलियान ब्रांच में पदस्थापित रहे धीरज कुमार झा और धालभूमहढड के गोहारडांगरा ब्रांच के मैनेजर नीतेश शामिल हैं.

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बताया जा रहा है कि बैंक की रांची स्थित विजिलेंस टीम ने बीते मार्च महीने में कदमा उलियान स्थित ब्रांच का निरीक्षण किया था, जिसमें यह स्कैम पकड़ में आया. फिर तथ्यों की जांच-पड़ताल में यह बात सामने आई कि फर्जी लोन के आधार पर कुल 9.24 करोड़ रुपए की निकासी की गई है. दोनों ब्रांच मैनेजरों ने ग्राहकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कागजात बनवाए और उनके नाम पर लोन मंजूर कर अलग-अलग अकाउंट्स में रकम ट्रांसफर कर दी गई.

कब और कैसे शुरू हुआ ये घोटाला?

फर्जी लोन का यह स्कैम 2020 में ही शुरू हुआ था और यह सिलसिला मार्च 2023 तक चलता रहा. किसी के नाम पर दस तो किसी के नाम पर पचास लाख तक का फर्जी लोन सैंक्शन कर रकम ट्रांसफर की जाती रही. बताया जा रहा है कि जिनके नाम पर लोन सैंक्शन किया गया, उन्हें इनकी भनक भी नहीं लगी.

हालांकि, बैंक की ओर से जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें उन सभी 27 लोगों और कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनके नाम पर लोन की रकम निकाली गई है. बहरहाल, एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. दोनों आरोपी बैंक मैनजरों की तलाश की जा रही है.

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