बीमा रेगुलेटर IRDAI ने साफ किया है कि सरकारी बैंकों (Government Banks) के मर्जर के बाद बाद बैंकिंग प्लेटफार्म से इंश्योरेंस लेने वाले ग्राहकों के बेनिफिट पर असर नहीं होगा. IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों और बैंकों के मौजूदा ग्राहकों के लिए सभी बेनिफिट जारी रखने का निर्देश दिया है और कहा कि बैंक 3 इंश्योरेंस कंपनियों से ज्यादा के साथ भी करार जारी रख सकते हैं.

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पॉलिसी होल्डर्स को राहत

- बैंकों के मर्जर से इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर्स पर असर नहीं पड़ेगा

- ग्राहकों के ग्रुप हेल्थ पॉलिसी के बेनिफिट जारी रहेंगे

- बैंकों के मौजूदा ग्राहकों को सभी रियायतें मिलेगी

- पॉलिसी पीरियड खत्म होने तक बेनिफिट जारी रहेंगे

- मौजूदा ग्राहकों का मर्जर बैंक पॉलिसी रिन्यूअल भी कर सकता है

- बैंक ग्राहकों के लिए सभी कंपनियों के साथ करार जारी रख सकता है

- बैंकों के मर्जर से 12 महीने तक इंश्योरेंस कंपनी करार जारी रख सकती है

- पॉलिसी खत्म होने पर भी बैंक, इंश्योरेंस कंपनी के साथ करार जारी रख सकता है

- ग्राहकों के बिनेफिट इंश्योरेंस कंपनियां जारी रखेगी

नियमों में बदलाव क्यों जरूरी?

- IRDAI के नियमों के मुताबिक बैंकों को इंश्योरेंस पार्टनर में बदलाव करना था

- एक बैंक एक सेगमेंट की 3 कंपनियों तक ही पार्टनरशिप कर सकता है

- तीन बैंकों के मर्जर से बैंकों के 3 से ज्यादा पार्टनर हो रहे थे

- ग्रुप हेल्थ में पॉलिसी पर असर ज्याद हुआ, क्योंकि पोर्टेबलिटी नहीं होती है

- बड़ी उम्र में नई पॉलिसी लेने पर काफी ज्यादा प्रीमियम

- नए सिरे से पॉलिसी लेने पर प्रीमियम काफी ज्यादा

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय (Merger) प्रोसेस शुरू किया है. अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर सिर्फ 12 रह जाएगी. सरकार 10 सरकारी बैंकों के मर्जर से 4 नए बैंक बनाएगी.

देश में सबसे पहले SBI में उसके सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का मर्जर हुआ था. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bob) में देना बैंक और विजया बैंक का विलय हुआ था. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक का मर्जर हुआ. इससे यह 17.95 लाख करोड़ के व्यवसाय के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा.

इसके अलावा यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का मर्जर होगा और केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का मर्जर होगा.

ग्राहक पर असर

इन बैंकों में सेविंग अकाउंट के साथ-साथ सैलरी और पेंशन (Pension) वाले खाते भी हैं. बैंक मर्जर में यह संभव है कि आपकी होम ब्रांच (Home Branch), बैंक अकाउंट नंबर और अन्‍य चीजें बदल जाएं. अगर बैंक अकाउंट नंबर बदलेगा तो फिर ATM कार्ड और चेक बुक भी दूसरी लेनी पड़ेगी. यानि आपकी पूरी बैंकिंग बदल जाएगी. साथ ही KYC भी दोबारा कराने की नौबत आ सकती है. इससे मुमकिन है कि समय पर आपकी सैलरी या Pension खाते में न ट्रांसफर हो पाए.