लोग अपने बैंक लॉकर में जेवरात और कीमती सामान ये सोचकर रखेंगे कि वहां उनकी चीजें पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी. लेकिन कई बार ऐसी भी घटनाएं सामने आयी हैं, जब बैंक से कीमती सामान चोरी हो गया और उसका खामियाजा बैंक कस्‍टमर्स को उठाना पड़ा. हालांकि भारत सरकार की तरफ से Deposit Insurance Credit Guarantee Scheme (DICGC) के तहत, बैंक में  चोरी, लूट, फ्रॉड वगैरह के मामलों में बैंक जमा को हुए नुकसान के लिए 5 लाख तक का कवर दिया जाता है. 

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इसमें फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट और सेविंग्‍स वगैरह को शामिल किया जाता है. लेकिन लॉकर में रखे सामान के मामले में बैंक विशेष स्थितियों में ही लॉकर के सामान के लिए जिम्‍मेदार होता है. लेकिन आप अगर चाहें तो अपने लॉकर का बीमा करवाकर उसके कीमती सामान को सुरक्षित कर सकते हैं. 

बैंक नहीं करता है बीमा

बैंक को ये नहीं पता होता है कि आपके लॉकर में क्‍या सामान है और वो कितना कीमती है, इसलिए बैंक की तरफ से लॉकर में रखे सामान के लिए बीमा की सुविधा नहीं मिलती है. बैंक के इंश्‍योरेंस कवर नुकसान से सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी के रूप में होते है. लॉकर के अंदर रखा सामान इस पॉलिसी में नहीं आता. इसलिए अगर आपको लॉकर के सामान की सुरक्षा चाहिए तो आपको प्राइवेट कंपनियों से बीमा करवाना होगा.

प्राइवेट कंपनी से ले सकते हैं बीमा की सुविधा

कई ऐसी प्राइवेट कंपनियां हैं जो बैंक लॉकर पॉलिसी के तहत लॉकर में रखे सामान का बीमा करती हैं. इसमें इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी (IFFCO Tokio General Insurance Company Limited) का नाम भी शामिल है. इसके लिए आपको इफको टोकियो की वेबसाइट पर More Products के Other Insurance वाले ऑप्‍शन में Bank Locker Policy पर जाना होगा. लॉकर बीमा पॉलिसी के तहत आपको लॉकर में रखे सामान की लिस्‍ट बतानी होती है, ताकि उस सामान का मूल्‍यांकन किया जा सके. 

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कीमती वस्‍तुओं की बतानी होगी लिस्‍ट

ध्‍यान रखें कि IFFCO Tokio की बीमा पॉलिसी तभी तक हुए नुकसान को कवर करती है जब तक लॉकर में रखी कीमती वस्तुएं बैंक में है.आप चाहें तो ज्वैलरी और कीमती चीजों का बीमा home insurance policy के साथ भी करवा सकते हैं. इसमें आपके घर में रखे जेवरात के साथ आपके बैंक में रखे जेवरात के लिए भी बीमा कवर मिल सकता है. हालांकि ऐसे में आपको स्‍पष्‍ट रूप से ये बताना होता है कि कौन-कौन से जेवर घर में रखे हैं और कौन से बैंक के लॉकर में. बीमा कवर लेने से पहले इस बारे में स्‍पष्‍ट रूप से पूरी जानकारी ले लें.