Bank Locker New Rules: 1 जनवरी, 2023 यानी कल के बाद से बैंक लॉकर को लेकर नए संशोधित नियम लागू हो रहे हैं. आरबीआई ने 8 अगस्‍त 2021 को नोटिफिकेशंस के जरिए नई गाइडलाइंस के बारे में घोषणा की थी और 1 जनवरी 2022 से नए नियम लागू हो चुके हैं. कल तक बैंक लॉकर होल्डर्स को अपना एग्रीमेंट रीन्यू करा लेना है. 1 जनवरी 2023 से पहले लॉकर होल्डर्स को नए लॉकर एग्रीमेंट के लिए पात्रता दिखानी होगी और रिन्युअल के लिए एग्रीमेंट करना होगा. आरबीआई के नियमों के मुताबिक, एग्रीमेंट स्टांप पेपर पर ड्राफ्ट करना होगा. दोनों के हस्ताक्षर के साथ एक डुप्लीकेट कॉपी बनाई जाएगी, जो लॉकर हायर करने वाले ग्राहक को दी जाएगी. वहीं ओरिजिनल एग्रीमेंट बैंक के ब्रांच पर रखी जाएगी.

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नए नियम के मुताबिक अगर बैंक लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए बैंक की जवाबदेही होगी.  बैंक ये सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर समझौतों में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं.

क्या खुलवाना पड़ेगा फिक्स्ड डिपॉजिट? RBI का क्या कहना है?

आरबीआई ने लॉकर रेंट को लेकर बैंकों को एक छूट यह दी है कि वो लॉकर का रेंट कवर करने के लिए ग्राहक को फिक्स्ड (टर्म) डिपॉजिट खुलवाने के लिए कह सकते हैं. आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि बैंकों को ऐसी संभावित परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जहां लॉकर किराए पर लेने वाला न तो लॉकर को चला रहा है और न ही किराए का भुगतान करता है. लॉकर किराए का जल्द से जल्द भुगतान तय करने के लिए, बैंकों को लॉकर अलॉटमेंट के समय फिक्स्ड डिपॉजिट लेने की अनुमति दी जाती है, जिसमें तीन साल का किराया और ऐसी किसी घटना के मामले में लॉकर को खोलने की फीस शामिल होगी.

हालांकि, बैंक मौजूदा लॉकरहोल्डर्स या अच्छी तरह से लॉकर ऑपरेट वाले होल्डरों से ऐसा फिक्स्ड डिपॉजिट लेने पर जोर नहीं देंगे. इस अनुमित के इतर अगर अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ लॉकर सुविधा के अलॉटमेंट को रिस्ट्रिक्टिव प्रैक्टिस की तरह देखा जाएगा. 

आरबीआई का यह भी नियम है कि अगर लॉकर का किराया पहले ले लिया जाता है, तो ग्राहक की ओर से लॉकर को सरेंडर करने की स्थिति में, इकट्ठा किए गए एडवांस की बराबर राशि ग्राहक को वापस कर दी जाएगी. इसके अलावा अगर मर्जर/बंद/शाखा का स्थानांतरण जैसी कोई घटना होती है, जिसके लिए लॉकरों का ओरिजिनल जगह बदलने की जरूरत है तो बैंक इस संबंध में दो समाचार पत्रों (स्थानीय भाषा में एक स्थानीय दैनिक सहित) में सार्वजनिक सूचना देगा और ग्राहकों को सूचित किया जाएगा. प्राकृतिक आपदाओं या ऐसी किसी अन्य आपातकालीन स्थिति के कारण अचानक ट्रांसफर के मामले में, बैंक अपने ग्राहकों को जितनी जल्दी हो सके, जानकारी देंगे.

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