इस सरकारी बैंक को मिलेगी बड़ी पूंजी, कर्ज मिलना होगा और आसान
सार्वजनिक क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक बैंकों में 28,615 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की सरकार की योजना के तहत यह राशि उपलब्ध करायी जाएगी.
सरकार ने बैंक ऑफ इंडिया में 10,086 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय किया है. सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ने शनिवार को यह जानकारी दी. सार्वजनिक क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक बैंकों में 28,615 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की सरकार की योजना के तहत यह राशि बैंक ऑफ इंडिया को उपलब्ध करायी जाएगी. बैंक ऑफ इंडिया ने नियामक को दी गई जानकारी में कहा है कि वित्त मंत्रालय ने 26 दिसंबर को उसे पूंजी डाले जाने की जानकारी दी.
सात बैंकों में पुनर्पूंजीकरण
उन्होंने कहा कि शेयरों के तरजीही आबंटन के जरिए ये पूंजी डाली जाएगी. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्रों के सात बैंकों में पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड के जरिए 28,615 करोड़ रुपये डालने का निर्णय किया है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी. इसमें से 23,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किये जा चुके हैं जबकि शेष 42,000 करोड रुपये की पूंजी अभी उपलब्ध कराई जानी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस माह की शुरुआत में कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 41,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी. यह राशि पहले घोषित राशि से अलग होगी. सरकार ने 20 दिसंबर को बैंकों में डालने के लिये 41,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि के लिये संसद की मंजूरी मांगी है.
एनपीए में सुधार
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने पुराने फंसे कर्ज में से 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की है. पिछले साल की इसी तिमाही में की गई वसूली के मुकाबले यह राशि 49 प्रतिशत अधिक है. पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपये की वसूली की है. इससे पहले सितंबर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बकाया ऋण की वसूली गति पकड़ चुकी है बैंकिंग प्रणाली में अवरुद्ध ऋणों (एनपीए) में कमी आ रही है. उन्होंने बैंकों से कहा कि वे धोखाधड़ी करने तथा जान बूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें.
(इनपुट एजेंसी से)