बैंक हड़ताल ऐन मौके पर टली, फिर भी इन तारीखों में नहीं होगा कोई बैंकिंग कामकाज
बैंकिंग क्षेत्र के दो प्रमुख यूनियनों -ऑल इंडिया बैंक इंप्लाईज एसोसिएशन (AIBEA) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) ने अपनी 27 मार्च की हड़ताल वापस ले ली है.
बैंकिंग क्षेत्र के दो प्रमुख यूनियनों -ऑल इंडिया बैंक इंप्लाईज एसोसिएशन (AIBEA) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) ने अपनी 27 मार्च की हड़ताल वापस ले ली है. यूनियन के एक नेता ने बताया कि दोनों यूनियनों ने बैंक विलय और आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के विरोध में अखिल भारतीय हड़ताल का आह्वान किया था.
AIBEA के महासचिव सी.एच.वेंकटाचलम ने कहा कि हड़ताल को प्रधानमंत्री नरेंद्र के गुरुवार को राष्ट्र के संबोधन के मद्देनजर वापस लिया गया है, जो कि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के मद्देनजर जनता के साथ खड़े होने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि सभी प्रदर्शन के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.
हालांकि मार्च के अंतिम हफ्ते में बैंक करीब 5 दिन बंद रहेंगे. इनमें 23 मार्च को हरियाणा में बैंक बंद रहेंगे जबकि 25 मार्च को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में बैंकों में छुट्टी होगी. यानि 24 और 27 मार्च को ही बैंकों में सामान्य कामकाज होगा.
इससे पहले बैंकरों ने ऐन होली के बाद 11 से 13 मार्च तक हड़ताल बुलाई थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया. यह हड़ताल सैलरी रिवीजन को लेकर थी. 8.47 लाख बैंक कर्मचारियों की सैलरी में रिवीजन 1 नवंबर 2017 से रुका हुआ है. हालांकि बैंकरों को 1 महीने की सैलरी एडवांस में दी गई है. लेकिन उनकी मांग सैलरी में 25% तक बढ़ोतरी करने की है जबकि इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) 12.5% बढ़ोतरी के लिए राजी है. बैंकर इसका विरोध कर रहे हैं.
बैंकरों ने 27 मार्च को हड़ताल बुलाई है, जो अब टाल दी है. इसके बाद 28 और 29 मार्च को चौथा सैटर्डे और संडे है, जब छुट्टी रहेगी. ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज असोसिएशन (AIBEA) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA) ने 27 मार्च को 10 बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की केंद्र सरकार की घोषणा के विरोध में हड़ताल पर जाने का फैसला किया था.
बैंक कर्मचारियों के वेतन में हर 5 साल पर बढ़ोतरी होती है. पिछली बार भी वेतन बढ़ोतरी में देर हुई थी. बैंकरों की सैलरी 2012 के बजाय 2015 में बढ़ी थी. IBA ने इस मुद्दे को निपटाने के लिए एक कमेटी भी बनाई थी.
बैंकर विदेशी बैंकों और अन्य कंपनियों की तर्ज पर 5 डे वीक, बैंक स्टाफ की कमी को दूर करने और पुरानी पेंशन में सुधार करने सहित दूसरी मांग भी कर रहे हैं.