अगली बार जब आप बैंक डेबिट कार्ड से एटीएम (ATM) से पैसा निकालने जाएं तो इस बात का जरूर ध्‍यान रखें कि उसमें एंटी स्किमिंग तकनीक लगी है या नहीं. जिन एटीएम में यह तकनीक लगी है उनमें ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी होना लगभग नामुमकिन है. स्‍टेट बैंक, पीएनबी, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि ने इस तकनीक को अपने-अपने ATM में इंस्‍टाल करना शुरू कर दिया है. बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सर्कुलर आने के बाद 2019 तक अपने सभी एटीएम को इस तकनीक से लैस करने का लक्ष्‍य रखा है.

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क्‍या है पीएनबी की योजना

पीएनबी ने मार्च 2019 तक अपने ज्यादातर एटीएम को सुरक्षित करने का लक्ष्य रखा है. पीएनबी के मुताबिक बैंक मौजूदा एटीएम निर्माताओं से ही नई एंटी-स्किमिंग तकनीक ले रहा है. हालांकि 2017 के बाद स्थापित अधिकांश एटीएम मशीनों में पहले से ही यह तकनीक मौजूद है. पीएनबी के देश भर में लगभग 9,500 एटीएम हैं, जिन्हें अगले वर्ष तक सुरक्षित बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

ग्राहकों से धोखाधड़ी रुकेगी

पीएनबी ने बयान में कहा कि मशीनों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने से स्किमिंग जैसे अपराध नहीं होंगे. लेकिन ग्राहकों को एटीएम से ट्रांजक्शन करने में पूर्ण रूप से सुरक्षित बनाने के लिए अपनी तरफ से भी कुछ उपाय करने होंगे.

मैग्‍नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड से ज्‍यादा खतरा

जो ग्राहक इस वक्‍त भी मैग्‍नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड इस्‍तेमाल कर रहे हैं, उन्‍हें सबसे ज्‍यादा स्किमिंग का खतरा है. इसे तुरंत चिप आधारित कार्ड में बदल लें. चिप-आधारित कार्डों को आसानी से क्लोन नहीं किया जा सकता. बैंक को कुछ सावधानी बरतने के बारे में भी सुझाव देने चाहिए, जिससे ग्राहक सुरक्षित लेनदेन कर सकें. 

ऐसे बचें धोखाधड़ी से

> पैसे निकालने से पहले यह सुनिश्चित करें कि ट्रांजक्शन की पूरी प्रक्रिया के वक्त कोई अन्य व्यक्ति एटीएम के अंदर न हो

> ध्यान दें कि एटीएम में कार्ड रीडर मशीन के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ हो और वह ढीला न हो

> कार्ड ढीले होने से लेन-देन अधूरा रह जाता है, तो ग्राहक उस ट्रांजक्शन को 'रद्द करें'

> बाहर निकलने से पहले होम स्क्रीन देखकर निकलें.

क्‍या कहा था आरबीआई ने

आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार, ग्राहकों को चिप-आधारित एटीएम कार्ड लेने की जरूरत है. बैंकों ने बताया है कि जिन ग्राहकों ने चुंबकीय पट्टी कार्ड का उपयोग करना जारी रखा है, वे आसानी से कार्ड क्लोनिंग या एटीएम धोखाधड़ी का शिकार होंगे.