क्या कई बैंकों में हैं आपके सेविंग एकाउंट, जानिए इसके फायदे और नुकसान
क्या आपके पास एक से अधिक बैंकों में सेविंग एकाउंट हैं. दरअसल नई कंपनी ज्वाइन करने पर सैलरी के लिए नए बैंक में जीरो बैलेंस सेविंग एकाउंट खुलवाया जाता है.
क्या आपके पास एक से अधिक बैंकों में सेविंग एकाउंट हैं. दरअसल नई कंपनी ज्वाइन करने पर सैलरी के लिए नए बैंक में जीरो बैलेंस सेविंग एकाउंट खुलवाया जाता है. नौकरी बदलने के साथ ही आपके सेविंग एकाउंट की संख्या भी बढ़ती जाती है. इन सेविंग एकांउट से जुड़ी सेवाओं जैसे क्रेडिट कार्ड, SIP, लोन और फंड ट्रांसफर के चलते आप इन एकाउंट को बंद भी नहीं करा पाते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या कई सेविंग बैंक एकाउंट रखना सही है और इसके फायदे नुकसान क्या हैं?
कानूनी तौर पर आप एक से अधिक सेविंग एकाउंट रख सकते हैं. हालांकि अगर आपके पास सिर्फ एक बैंक एकाउंट है, तो इसे ऑपरेट करना आसान होगा. आपकी जमा पूंजी एक जगह पर होगी. सभी बैंकों के अपने नियम होते हैं. ऐसे में मल्टीपल सेविंग एकाउंट होने पर आप धोखा खा सकते हैं.
क्रेडिट स्कोर पर असर
एक खाता होते से लेनदेन का ट्रैक रिकॉर्ड भी बेहतर होता है. आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होगा. ऐसे में एक खाता रखने पर आपको लोन लेने या बैंक से क्रेडिट लिमिट बनवाने में आसानी होगी. अगर आप इंटरनेट बैंकिंग यूज करते हैं, तो भी आपके लिए एक बैंक एकाउंट रखना अच्छा है क्योंकि उसे ऑपरेट करना आपके लिए आसान होगा.
हालांकि, कई बैंक एकाउंट रखने के कुछ फायदे भी हैं. अगर किसी बैंक का सर्वर बंद है तो आप दूसरे बैंक के सेविंग एकाउंट को यूज करके अपना काम कर सकते हैं. अगर खाते में कुछ समस्या है या किसी एक एकाउंट का एटीएम, पासवर्ड या पासबुक खो गई है तो आप दूसरे एकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ज्यादातर वित्तीय जानकार एक बैंक खाते को ही अच्छा मानते हैं, लेकिन व्यवहारिक नजरिए से देखें तो 2 खाते होना बेहतर है. एक खाता एसबीआई जैसे किसी बैंक में होना चाहिए जिसकी ब्रांच या एटीएम हर जगह मौजूद हैं और दूसरा खाता एक्सिस या कोटक महिंद्रा जैसे नई पीढ़ी के बैंक में होना चाहिए. अगर आपके पास दो से अधिक बैंक एकाउंट हैं, तो उन्हें बंद कराने में ही समझदारी है.