देश में एटीएम से फर्जीवाड़े की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बैंक कई अहम कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं. इसके तहत एटीएम (ATM) ट्रांजेक्शन को ओटीपी (OTP) से लिंक करने का ऑप्शन भी शामिल है. एटीएम ट्रांसजेक्शन से ओटीपी को लिंक करने का तरीका ठीक वैसा ही होगा जैसा ऑनलाइन बैंकिंग में किया जाता है. इससे अनऑथराइज निकासी पर रोक लगाई जा सकेगी. जब भी कोई ग्राहक एटीएम से पैसा निकालेगा तो उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक कोड आएगा. इस कोड को उसे एटीएम मशीन में दर्ज करना होगा.

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पिछले दिनों दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC) की बैठक में इस तरह के कई अन्य सुझावों पर विचार किया गया. इसमें एक सुझाव दो ट्रांजेक्शनों के बीच 6 से 12 घंटे का अंतराल रखने का भी था. कुछ बैंकर्स का कहना है कि एटीएम से जुड़ी की ज्यादातर धोखाधड़ी रात में होती है. इसलिए मध्य रात्रि से तड़के सुबह तक होने वाली इन घटनाओं को 6 से 12 घंटे का अंतर करके रोका जा सकता है.

SLBC की बैठक में 18 बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए. उनका कहना है कि अगर उनके प्रस्ताव स्वीकार कर लिए जाते हैं तो एटीएम से निकासी को कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है. हालांकि इन सुझावों के बारे में अंतिम फैसला बैंक राष्ट्रीय स्तर पर ही करेंगे.

गौरतलब है कि 2018-19 के दौरान दिल्ली में एटीएम से धोखाधड़ी के 179 मामले सामने आए. इस दौरान देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में एटीएम से धोखाधड़ी के मामले सामने आए. दिल्ली दूसरे स्थान पर है. पिछले कुछ समय से एटीएम कार्ड की क्लोनिंग के मामले बढ़ गए हैं.