आंध्र बैंक को गत सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 434.10 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. एक साल पहले इसी अवधि में इस सरकारी बैंक को 385.11 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. लेकिन यह घाटा इसी वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 539.83 करोड़ रुपये के घाटे से कम है.

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मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में आंध्र बैंक को कुल 3,412.53 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. इसके पीछे बड़ा कारण बैंक की संम्पत्तियों (कर्जों) का फंसना है.

बैंक ने शेयर बाजारों को दी गयी सूचना में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2018) के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 5,249.32 करोड़ रुपये हो गई. पिछले साल इसी दौरान आय 5,005.34 करोड़ रुपये थी.

 

इस बार दूसरी तिमाही के अंत में बैंक का सकल एनपीए (अवरुद्ध कर्ज) सकल कर्ज के 16.36 प्रतिशत के स्तर पर रहा. एक साल पहले इसी समय सकल एनपीए 13.27 प्रतिशत था. इस वर्ष पहली तिमाही में सकल एनपीए 16.69 प्रतिशत था. उसे देखते हुए दूसरी तिमाही में स्थिति हल्की सुधरी है.

एजेंसी इनपुट के साथ