पेमेंट बैंक का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अलर्ट हो जाएं. क्योंकि, जल्दी ही एक पेमेंट बैंक बंद होने वाला है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने पेमेंट बैंक वोडाफोन एम-पैसा का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. आरबीआई की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद वोडाफोन एम-पैसा अपने कारोबार को जारी नहीं रख पाएगी. एम-पैसा के पास अब यह अधिकार नहीं होगा कि कंपनी प्रीपेड इन्स्ट्रुमेंट के तौर पर पेमेंट की सुविधा ग्राहकों को दे सके. RBI ने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

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ग्राहकों को हो सकती है दिक्कत

पेमेंट बैंक ने यह ऐलान किया है कि वो जल्द ही अपना कारोबार समेटेगा और ग्राहकों से कहा था कि वो अपने बैलेंस को जल्द से जल्द ट्रांसफर करा लें. इसलिए अगर आपने समय रहते बैंक से अपना पैसा नहीं निकाला, तो हो सकता है कि आपका पैसा फंस जाए.

3 साल तक कर सकते हैं क्लेम

वोडाफोन एम-पैसा के ग्राहक और मर्चेंट POS के तहत अपनी रकम के लिए वैलिड क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, क्लेम करने के लिए तीन साल का ही वक्त दिया गया है. एम-पैसा के ग्राहकों के पास यह अधिकार होगा कि वे पेमेंट बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के 3 साल तक कंपनी से अपने पैसे को लेकर क्लेम कर सकते हैं. वोडाफोन के मुताबिक, उसने खुद ही इस सेवा को बंद करने के लिए RBI से निवेदन किया था.

11 पेमेंट बैंक को दिया था लाइसेंस

पिछले साल ही वोडाफोन-आइडिया ने फैसला लिया था कि वह अपने एम-पैसा कारोबार को बंद कर देगी. इससे पहले आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक लिमिटेड पहले ही बंद हो गई थी. इस पेमेंट बैंक के बंद होने के बाद ही वोडाफोन और आइडिया का मर्जर हुआ था. आरबीआई ने साल 2015 में करीब 11 पेमेंट बैंक को लाइसेंस जारी किया था. वोडाफोन एम-पैसा भी उनमें से एक है.

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क्या है पेमेंट बैंक?

पेमेंट बैंक भारत में मौजूद कमर्शियल बैंकों से अलग प्रकार के बैंक है. पेमेंट बैंकों की स्थापना के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 नवंबर 2014 को निर्देश जारी कर दिए थे. पेमेंट बैंक; जनता की सामान्य बैंकिंग की जरूरतों को पूरा करेंगे, लेकिन कुछ प्रतिबंधों के साथ, जैसे पेमेंट बैंक लोगों के चालू और बचत खाते खोल सकेंगे लेकिन लोगों को क्रेडिट कार्ड नही दे सकेंगे.