बीते चार वर्षों में बैंकों के 316 हजार करोड़ रुपये गए बट्टे खाते में, कांग्रेस ने उठाए सवाल
देश के 21 सरकारी बैंक अपने कर्जदारों से 3,16,500 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने में नाकाम रहे औऱ बैंकों ने इस रकम को बट्टे खाते यानी एनपीए में डाल दिया है.
देश के सार्वजनिक बैंकों का बीते चार सालों में बड़ा कर्ज डूब गया है. रिजर्ब बैंक ने स्वीकार किया है कि बीते चार वर्षों में बैंकों ने जितना कर्ज वसूला है उससे सात गुना बट्टे खाते में चला गया है. संसद की वित्तीय समिति के सामने आरबीआई ने ये आकंड़े पेश किए हैं. आरबीआई के आंकडों के मुताबिक, अप्रैल 2014 से लेकर अप्रैल 2018 तक देश के 21 सरकारी बैंक अपने कर्जदारों से 3,16,500 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने में नाकाम रहे औऱ बैंकों ने इस रकम को बट्टे खाते यानी एनपीए में डाल दिया है. आरबीआई के खुलासे के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुकाबिक, वर्ष 2014-15 में एनपीए 4.62 फीसदी था, जोकि 2015-16 में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गया. इसके बाद 2017 के अंत तक यह एनपीए बढ़कर 10.41 फीसदी यानी कि लगभग 7.70 लाख करोड़ रुपये हो गया था. अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 तक सरकारी बैंकों का एनपीए 3,16,500 करोड़ रुपये हो गया. जबकि इसी दौरान वसूली महज 44,900 करोड़ रुपये की ही हो पाई.
आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी बैंकों के एनपीए में 2015-16 के बाद सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है और यह इजाफा ऐसे समय में हुआ है जब केंद्र सरकार यह दावे करती है कि बैंकों के डूबे हुए ऋण को वसूला जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एनपीए में इजाफा होने के पीछे बैंकों की नीति में बदलाव है. 2014 में आरबीआई ने एसेट क्वालिटी रिव्यू (AQR) शुरू किया था. इस रिव्यू में ऐसे कई कर्जों को बट्टे खाते में डाला गया जिन्हें बैंक मानक संपत्ति मानते थे.
कांग्रेस का हमला
उधर, बैंकों के एनपीए में हुए इजाफे पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया में आ रहीं एनपीए की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि बैंकों का पैसा लेकर भाग रहे लोगों पर प्रधानमंत्री की कृपा है. उन्होंने इसे एनपीए को मोदीनोमिक्स करार दिया है.
सुरजेवाला ने अपने ट्वीट संदेशों में केंद्र पर आरोप लगाया है कि देश में माल्या लूट जारी है. उन्होंने लिखा है कि 13 बैंकों का 380 करोड़ रुपया डूब गया. मोदी सरकार जनता के पैसे को बचाने के लिए क्या कर रही है.
सुरजेवाला ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा है, 'पेट्रोल-डीज़ल के दामों की मार के बाद, अब मोदी जी ने रसोई गैस की क़ीमतो में आग लगा दी है. जब से मोदी सरकार आई, तब से बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की क़ीमत में अब तक ₹400 की बढ़ौतरी हो गई है! क्या इसलिए मोदी जी ने सब्सिडी छुड़वाई? CNG के दाम भी बढ़ें! मोदी जी आबाद, आम-जनता बर्बाद!'