Jyotiraditya Scindia Tweet: पूर्व वित्त मंत्री, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सोशल मीडिया पर ट्विटर वॉर शुरू हो गई है.  पहले पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर सरकार के सात साल में 74 एयरपोर्ट्स बनाने के दावे पर सवाल उठाए थे. पी.चिदंबरम का कहाना है कि ये दावे झूठ और खोखले हैं. पी.चिदंबरम के मुताबिक सरकार ने मई 2014 से केवल 11 नए एयरपोर्ट बनाए हैं, जिनका फिलहाल परिचालन हो रहा है. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया है. 

सिंधिया ने कहा, पिछली यूपीए सरकार है जिम्मेदार

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा, 'पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में फिलहाल 74 एयरपोर्ट्स परिचालित हैं.  इनमें से कई एयरपोर्ट्स ऐसे हैं जो दशकों से अनउपयोगी थे और जो देश के लिए भार थे. इसकी जिम्मेदार पिछली यूपीए की सरकार हैं! 74 एयरपोर्ट की लिस्ट में नए एयरपोर्ट और अभी तक अनउपयोगी पड़े एयरपोर्ट्स दोनों शामिल हैं. नागरिक और उड्डयन मंत्रालय के पास ग्रीनफील्ड पॉलिसी 2008 के तहत 2015 से अभी तक 12 परिचालित एयरपोर्ट्स हैं.' 

65 साल में बने केवल तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 'हिरासर एयरपोर्ट (जिसका उद्घाटन इस हफ्ते हुआ) का परिचालन जल्द ही शुरू हो जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 65 साल में केवल तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स बने थे! किसी भी रूट का परिचालन बाजार की मांग पर आधारित होता है. एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल तब किया जाता है जब मांग बढ़ने लगती है. उड़ान स्कीम के नए राउंड के कारण कई बंद हो चुके रूट्स की दोबारा निलामी की जा रही है.  

उड़ान भर चुकी है 2.23 लाख फ्लाइट्स 

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के मुताबिक, 'उड़ान स्कीम के तहत 74 एयरपोर्ट्स/हेलिपोर्ट्स/वाटर एयरडोम्स को  पुनर्जीवित और अपग्रेड किया गया है. अभी तक 1.23 करोड़ लोगों के साथ 2.23 लाख फ्लाइट्स उड़ान स्कीम्स के तहत चल चुकी है. यूपीए के शासनकाल में इसकी संभावना शून्य थी. ये सभी तथ्य सनसनीखेज ट्विटर पोस्ट के जरिए ढके नहीं जा सकते हैं. ज्यादातर एयरपोर्ट्स दूर दराज के शहर जैसे दरभंगा, झारसुगोड़ा, जमशेदपुर और राउलकेला जैसे दूर दराज के जिले के लिए डायरेक्ट कनेक्टिविटी का एकमात्र स्त्रोत है. '

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ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुताबिक, ' ये सभी विकास के कार्य पिछले 10 साल में 75 हजार करोड़ रुपए के अभूतपूर्व कैपिटल एक्सपेंडिचर के कारण हुए हैं. इसका सीधा संबंध देश में रोजगार बढ़ाने से है. इसके काफी गहरा सामाजिक प्रभाव भी पड़ता है. साथ ही समाज के सभी तबकों के हवाई यात्रा करने की महत्वकांक्षा को पूरा करता है, जिसे पिछली सरकारें  70 साल में पूरा करने में नाकाम रही. हमने ये उपलब्धि नौ साल में हासिल कर ली है.'