टाटा सन्‍स (Tata Sons) जेट एयरवेज के साथ डील में कदम फूंक-फूंक कर रख रही है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा सन्‍स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने डील पर आराम से फैसला लेने का निर्णय किया है. समूह के कुछ निदेशकों ने बोर्ड बैठक में डील को लेकर कुछ रिजर्वेशन रखे थे, जिसके बाद डील को सोच-समझकर फाइनल करने पर फैसला हुआ.

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दिसंबर में होगी बोर्ड की बैठक

टाटा के निदेशक अब दिसंबर में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. निदेशक मंडल का कहना है कि तब तक तस्‍वीर और साफ हो जाएगी. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 2 अरब डॉलर की डील पर टाटा सन्‍स पूरी गंभीरता से विचार कर रहा है. बोर्ड इस मामले में पेशेवरों की मदद ले सकता है.

जेट एयरवेज के लिए कोई बेल-आउट नहीं : प्रभु

उधर, केंद्र सरकार ने सोमवार को जेट एयरवेज को किसी भी तरह की वित्तीय बेलआउट या छूट प्रदान करने की संभावना को खारिज कर दिया और कहा कि यह कंपनी के प्रबंधन का विशेषाधिकार है कि वह विमानन कंपनी का सहज संचालन सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को लागू करें. नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार, सरकार मौजूदा नियंत्रण मुक्त नीति के माहौल में क्षेत्र-विशिष्ट मुद्दों की ओर देख रही है.

प्रभु 'एयरसेवा 2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल एप' के उन्नत संस्करण के लांच के मौके पर एयरलाइन को संभावित बेलआउट पैकेज देने के सवाल पर जवाब दे रहे थे. इसके अलावा, नागर विमानन सचिव आर.एन. चौबे ने कहा कि विमानन कंपनी हवाईअड्डा संचालकों के शुल्कों को चुकाने के लिए कुछ समय चाहती है.

चौबे ने हालांकि कहा कि मामले को विमानन कंपनी और विमान संचालकों को आपस में सुलझाना चाहिए और मंत्रालय की इन वाणिज्यिक लेन-देन में कोई भूमिका नहीं है. विमानन कंपनी मौजूदा समय में ब्रेंट ईंधनों में बढ़ोत्तरी, कमजोर रुपये और उच्च ईंधन मूल्यों व कम किरायों के बीच असंतुलन की वजह से वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही है.