Spicejet-Kalanithi Maran Row: केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने सोमवार को कहा कि वे स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना मांगेंगे. साथ ही दोनों पक्षों के बीच जारी विवाद मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के हाल के आदेश को चुनौती देंगे. अदालत की खंडपीठ ने 17 मई को एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को रद्द कर दिया. आदेश में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस निर्णय को बरकरार रखा गया था, जिसमें स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये मारन को वापस करने के लिए कहा गया था. 

मारन और उनकी कंपनी ने दी चुनौती

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पीठ ने 31 जुलाई, 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की अपील को स्वीकार कर लिया और मध्यस्थता न्यायाधिकरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नये सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित अदालत में वापस भेज दिया. इस संदर्भ में, मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरवेज ने अपने कानूनी सलाहकार से परामर्श के बाद फैसले को चुनौती देने का निर्णय किया है. 

KAL एयरवेज ने मांगा ₹1323 करोड़ का जुर्माना

केएएल एयरवेज और मारन का मानना ​​है कि उपरोक्त निर्णय में खामियां हैं और आगे इसपर जांच की आवश्यकता है. केएएल एयरवेज ने सोमवार को बयान में कहा वे 1,323 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना भी मांग रहे हैं. इसका निर्धारण ब्रिटेन की एफटीआई कंसल्टिंग एलएलपी ने किया है. यह अनुबंध के उल्लंघन से होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए चर्चित कंपनी है. 

बयान के अनुसार, नुकसान का दावा केएएल एयरवेज (KAL Airways) और मारन ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किया था. यह हमेशा से न्याय से जुड़ा अभिन्न हिस्सा बना हुआ है. बयान में कहा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती और हर्जाने के दावे दोनों को आगे बढ़ाकर मामले के उचित और न्यायसंगत समाधान की उम्मीद है. 

इसमें कहा गया है कि यह विवाद स्पाइसजेट के विश्वास हनन के कारण उत्पन्न हुआ और इसने एक दशक से अधिक समय तक केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन दोनों के लिए समस्या पैदा की है.