जेट एयरवेज की मुश्किल कब खत्म होंगी या नहीं होंगी, यह कहना अभी मुश्किल नजर आ रहा है. फिलहाल जेट एयरवेज का भविष्य अंधकार में ही है. दरअसल, जेट एयरवेज को उबारने को लेकर हुई बैंकों और मैनेजमेंट की बैठक में कोई अहम फैसला नहीं हो सका है. सूत्रों की मानें इस बेहद अहम बैठक के बाद निराशा ही हाथ लगी है. बैठक के बाद बैंकों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जेट में बैंक अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं और इसी दिशा में कदम बढ़ाने का फैसला किया है. बैंकों के इस बयान से साफ है कि जेट की डूबती नैया में अब बैंक भी पैसा लगाने से बच रहे हैं.

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DGCA ने स्लॉट दूसरी कंपनियों को दिए

वहीं दूसरी ओर, एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने भी जेट एयरवेज के खाली पड़े तमाम स्लॉट या रूट अब दूसरे एयरलाइन को देने शुरू कर दिए हैं. गर्मियों के सीजन में एविएशन सेक्टर के लिहाज से महत्वपूर्ण सीजन होता है. इस सीजन में जबरदस्त डिमांड रहती है. यही वजह है कि DGCA ने खाली पड़े स्लॉट और रूट अब इंडिगो, स्पाइसजेट को देना शुरू कर दिया है. क्योंकि, डीजीसीए नहीं चाहता कि जेट एयरवेज के उड़ान न भरने के चलते हवाई मुसाफिरों को कोई दिक्कत हो. साथ ही हवाई किराए भी काबू में रहें.

15 मई तक के स्लॉट दूसरी कंपनियों को दिए

सूत्रों के मुताबिक डीजीसीए ने 16 अप्रैल से 15 जुलाई 2019 के बीच के स्लॉट अन्य एयरलाइन को देने शुरू कर दिए हैं. जेट एयरवेज फिलहाल सिर्फ 26 विमानों का संचालन कर रही है. यही नहीं जेट लगातार कर्मचारियों की सैलरी भी देने में असमर्थ है, मार्च की सैलरी भी नहीं दी गई है. जेट जोकि एक डूबता जहाज नजर आ रहा है, उससे अब लोग भी छोड़ कर जा रहे हैं. बड़ी संख्या में जेट एयरवेज के पायलट, कैप्टेन और केबिन क्रू दूसरी एयरलाइन में इंटरव्यू दे रहे हैं. 

कर्मचारियों ने मांगा वेतन पर ब्याज

हाल ही में जेट एयरवेज के पायलटों के यूनियन नेशनल एवियटर्स गिल्ड (NAG) ने समय पर वेतन के साथ बकाया वेतन पर ब्याज देने की भी मांग की है. संगठन ने कहा कि पायलटों के विमान उड़ाने के लिहाज से मौजूदा स्थिति 'आदर्श' नहीं है. यूनियन का कहना है कि वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण पायलट बहुत अधिक तनाव और निराशा के दौर से गुजर रहे हैं, जो विमान उड़ाने के लिहाज से किसी भी पायलट के लिए आदर्श स्थिति नहीं है. ईएमआई, स्कूल और कॉलेज की फीस और हमारे बुजुर्ग माता-पिता के मेडिकल बिल का भुगतान किया जाना है.