Jet Airways में 75 फीसदी तक बिक रही है हिस्सेदारी, जल्द प्रक्रिया खत्म नहीं हुई तो बढ़ेगी मुश्किल
कर्ज तले दबी विमान सेवा प्रदाता कंपनी जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने सोमवार को कंपनी की बिक्री के लिए बोली (एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट) आमंत्रित की. SBI द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार, 75 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की गई है.
कर्ज तले दबी विमान सेवा प्रदाता कंपनी जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने सोमवार को कंपनी की बिक्री के लिए बोली (एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट) आमंत्रित की. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार, कंपनी की 31.2 फीसदी से लेकर 75 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की गई है.
समाधान योजना बनाने की प्रक्रिया जारी है
दस्तावेज में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश का अनुपालन करते हुए कर्जदाता कंपनी के संकट का समाधान करने के लिए एक समाधान योजना बनाने की प्रक्रिया में हैं. साथ ही, कंपनी के नियंत्रण व प्रबंधन में किए गए बदलाव में भी शामिल हैं. SBI कर्जदाताओं के समूह में अग्रणी है. बोली का मकसद कंपनी के बारे में सूचना प्रदान करना है, ताकि इसमें रुचि रखने वाले पक्ष अपनी बोली लगाने से पहले प्रस्ताव के बारे में समीक्षा कर सकें.
180 दिनों का समय निर्धारित किया
SBI की अगुवाई में सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों ने jet Airways की समस्या का समाधान करने के लिए 180 दिनों का समय निर्धारित किया है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बैंकों ने मंत्रालय को बताया है कि वे Jet एयरवेज के कर्ज चुकाने का इंतजार और नहीं कर सकते. यह तय किया गया है कि यदि एयरलाइंस किसी निवेशक को लाने में कामयाब नहीं हो पाती तो बैंक 30 जून तक जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.
बैंकों ने तत्काल प्रभाव से पहुंचाई राहत
जेट एयरवेज को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए जा रह हैं. PNB और SBI ने पहले ही एयरलाइंस को 1,500 करोड़ रुपये का अतरिक्त धन उपलब्ध कराया है. अब सारा ध्यान इस बात पर है कि एयरलाइंस को एक अच्छा निवेशक मिल सके. यदि जल्द ही अच्छा निवेशक नहीं मिलता है तो इस मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के पास निपटारे के लिए भेजा जाएगा.
जब्त हो सकती है सम्पत्ति
जेट एयरवेज को पहला भुगतान 31 दिसंबर को करना था, लकिन 180 दिन का समय मिलने के बाद यह तारीख 30 जून हो गई है. NCLT के पास मामला जाने पर बैंकों को अलग से 180 दिनों के अंदर कर्ज वापस लेने के लिए एक रूपरेखा बनानी होगी. यदि जरूरत पड़ती है तो 90 दिन का अतरिक्त समय लिया जा सकता हैं, इसके बाद संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
इस बात से चिंतित हैं बैंक
पब्लिक बैंक सेकटर एक बैंक अधिकारी के अनुसार यदि जेट ऐयरवेज की समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ जाएंगे. कंपनी पर कर्ज और बढ़ता जाएगा और पैसे की वसूली और मुश्किल हो जाएगी. इसके चलते बैंकों ने 180 दिनों तक ही प्रतीक्षा करने का निर्णय लिया है. इसके बाद कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.