इस राज्य को मिलेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का तोहफा, हवाई यात्रा होगी आसान
छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के निवासियों के लिए अच्छी खबर है. राज्य की राजधानी रायपुर में मंगलवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद (Central Regional Coucil) की 22वीं बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई. इसमें रायपुर हवाईअड्डे (Raipur Airport) को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी.
छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के निवासियों के लिए अच्छी खबर है. राज्य की राजधानी रायपुर में मंगलवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद (Central Regional Coucil) की 22वीं बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई. इसमें रायपुर हवाईअड्डे (Raipur Airport) को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) के लिए इजाजत देने और बिलासपुर से उड़ाने शुरू करने की मांग की. साथ ही रायपुर एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारगो विमानों के परिचालन की इजाजत मांगी.
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने पर सहमति जताई. शाह ने बिलासपुर से उड़ानें शुरू करने के संबंध में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के स्तर पर पहल का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हर राज्य में कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होना चाहिए.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाएं 7 राज्यों से मिलती हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ को इस सात राज्यों के लॉजिस्टिक हब और एविएशन हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.
बघेल ने धान में से PDS के अलावा बचे अनाज के इस्तेमाल के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की, जिससे अनाज इस्तेमाल हो सके. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति धान आधारित बायो एथेनॉल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर, शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल के विक्रय दर के बराबर रखा जाए और धान के एथेनॉल उत्पादन में उपयोग की इजाजत दी जाए, ताकि बायो एथेनॉल का प्रोडक्शन फायदेमंद बना रहे.
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन है. इसलिए बिगड़े वनों वाले क्षेत्र में सिंचाई और बिजली विस्तार जैसे विकास कामों की इजाजत दी जानी चाहिए. शाह ने इस प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया.
बघेल ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ का उत्तरीय भाग सरगुजा गंगा नदी के बेसिन का हिस्सा है. राज्य सरकार द्वारा गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए नमामि गंगा प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी के जल प्रवाह में 2.8 प्रतिशत जल छत्तीसगढ़ से जाता है, इसलिए नमामि गंगा प्रोजेक्ट के लिए जमा रकम का हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलना चाहिए.
इस रकम से बाढ़ नियंत्रण का काम हो सकेगा और ग्राउंड वाटर का रिचार्ज, खेती के लिए जल की उपलब्धता और गंगा नदी में सालभर पानी की धारा बनाए रखने का काम किया जा सकेगा.