एविएशन नियामक DGCA (डायरेक्‍ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) हवाई यात्रियों की सहूलियत के लिए फ्लाइट लेट होने की मुश्किल हल करने का इंतजाम खोज रहा है. इस प्रणाली का नाम ऑन टाइम परफॉर्मेंस (OTP) होगा, जो एराइवल और डिपार्चर दोनों पर लागू होगी. अभी किसी भी एयरलाइन का ओटीपी छूटने वाली फ्लाइटों के टाइमिंग पर निर्भर करता है. हालांकि इस प्रणाली पर पहले भी सवाल उठते रहते हैं.

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घरेलू उड़ान सेवा का मंथली ऑन टाइम परफॉर्मेंस डाटा

मौजूदा समय में डीजीसीए हरेक घरेलू उड़ान सेवा का मंथली ऑन टाइम परफॉर्मेंस डाटा पब्लिश करता है. ये डाटा दिल्‍ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद मेट्रों शहरों में फ्लाइटों के परिचालन के होते हैं. डीजीएसीए के एक अधिकारी ने कहा कि निदेशालय एराइवल पर भी ओटीपी की शुरुआत करेगा, जिससे सभी शहरों में फ्लाइट ऑपरेशन टाइमिंग का पता चल सकेगा.

ब्‍लॉक और स्‍लॉट टाइमिंग को तर्कसंगत बनाने पर जोर

अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि डीजीसीए ब्‍लॉक और स्‍लॉट टाइमिंग को तर्कसंगत बनाने पर ध्‍यान दे रहा है. कई शहरों में ब्‍लॉक टाइमिंग में अंतर निकल रहा है. ब्‍लॉक ऑवर का अर्थ है एयरक्राफ्ट के इंजन शुरू होने से लेकर बंद होने के बीच का समय. यात्रियों को मिलने वाले एयरलाइन के ओटीपी व अन्‍य सुविधाएं, अगर फ्लाइट में देरी होती है तो, ब्‍लॉक ऑवर्स के आधार पर तय होता है.