National Air Sports Policy: देश में हवाई एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक नई नेशनल एयरो स्पोर्ट्स पॉलिसी- 2022 को लॉन्च किया है. सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को इस पॉलिसी (Air Sports Policy) को लॉन्च करते हुए कहा कि देश में तेजी से उड्डयन क्षेत्र का विकास हो रहा है. लेकिन एयरो स्पेस में एक पूरा इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है. सरकार ने ड्रोन, कार्गो, गिफ्ट सिटी, हेलिकाप्टर पॉलिसी समेत कई नए कदम उठाए हैं. सरकार का फोकस अब एयर स्पोर्ट्स (Air Sports) पर है. सरकार ने इसे लेकर आज एक नया अध्याय जोड़ा है.

एयर स्पोर्ट्स का हब बनेगा देश

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सिंधिया ने कहा कि हवाई खेलों के क्षेत्र में देश में असीम संभावनाएं हैं, और इसका मुख्य कारण है देश का विशाल भौगोलिक क्षेत्र, विविध मौसम, बढ़ती युवा आबादी और सरकार की सकारात्मक नीतियां. Air Sports Policy के बाद इस क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी और 2030 तक भारत एक वैश्विक एयर स्पोर्ट हब के रूप में उभरेगा.

 

उन्होंने कहा कि देश में एयर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं, जहां 70 फीसदी लोग 35 साल के नीचे हैं. ऐसे में एडवेंचर स्पोर्ट्स एक उभरता क्षेत्र है.

8000 करोड़ डॉलर की रेवेन्यू

एविएशन मिनिस्टर ने बताया कि यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में ठंड भरने पर टूरिज़्म और एयर स्पोर्ट्स के लिए भारत एक अच्छा डेस्टिनेशन हो सकता है और इससे 800 करोड़ से 8000 करोड़ डॉलर के रेवेन्यू होने की संभावना है. इसके साथ ही यह देश में टूरिज़्म, ट्रैवल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, विमानन, होटल क्षेत्र के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएगा.

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11 एडवेंचर स्पोर्ट्स 

सिंधिया ने बताया कि आज के समय में देश में कुल 11 एयर स्पोर्ट्स (Air Sports) चल रहे हैं. इसमें 6 नए स्पोर्ट्स भी शामिल हैं. हर स्पोर्ट के लिए अपनी केंद्रीय, राज्य स्तरीय एसोसिएशन होगी. सरकार ने इसके लिए जनवरी में ड्राफ़्ट नोटीफिकेशन जारी किया था. इसमें मिले सुझावों के बाद अब जाकर फाइनल पॉलिसी बनी है.

एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन

देश में इन हवाई एडवेंचर स्पोर्ट्स (Adventure Sports) के लिए एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन (Air Sports Federation) को बनाया जाएगा. ये फेडरेशन अंतर्राष्ट्रीय संगठन Fédération Aéronautique Internationale, में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. इस फेडरेशन में 33 मेंबर्स होंगे, जिसमें से सिर्फ 4 सरकारी अधिकारी होंगे. बाकी मेंबर प्राइवेट सेक्टर और इंडस्ट्री से जुड़े लोग होंगे. इसके जरिए देश में 1 लाख रोजगार के मौके पैदा होंगे.