भारत की दो एयरलाइन कंपनी इंडिगो (Indigo) और गो फर्स्ट इन दिनों पी एंड डब्ल्यू (Pratt & Whitney) इंजन की वजह से काफी मुसीबतों का सामना कर रही हैं. दरअसल, इन एयरलाइन कंपनियों के विमान में पी एंड डब्ल्यू के इंजन लगे हैं, जो खराबी से जूझ रहे हैं. जिसकी वजह से इंडिगो और गो फर्स्ट (Go First) के 50 से भी ज्यादा विमान धूल फांक रहे हैं और कंपनियों को लीज पर विमान लेकर काम चलाना पड़ रहा है. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समस्या से निपटने के लिए कई विकल्पों पर गौर कर रही है. इनमें विमानों के पट्टे की अवधि बढ़ाने, विमान को फिर से बेड़े में शामिल करने और चालक दल के साथ विमान को लीज पर लेने के विकल्प शामिल हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से झेलनी पड़ रही परेशानी

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दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के पार्ट्स की सप्लाई एक बड़ी समस्या बनी हुई है. इस कारण इंजनों का मेनटेनेंस नहीं हो पा रहा है. लिहाजा, कई विमानों को खड़ा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि पीएंडडब्ल्यू इंजन की समस्या से इंडिगो और गो फर्स्ट एयरलाइन के कम-से-कम 25-25 विमान खड़े रहने के लिए मजबूर हैं. इंजन बनाने वाली कंपनी भी सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं की वजह से समय पर डिलीवरी नहीं कर पा रही है.

26 फरवरी को ऑपरेशन्स से बाहर थे इंडिगो के 39 विमान

जब इस बारे में प्रैट एंड व्हिटनी कंपनी के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने प्रभावित विमानों की संख्या नहीं बताई लेकिन ये कहा कि साल के अंत तक सप्लाई संबंधी दबाव कम होने की उम्मीद है. फ्लाइट पर नजर रखने वाली वेबसाइट flightradar24.com के मुताबिक 26 फरवरी की तारीख में इंडिगो के कुल 39 विमान ऑपरेशन्स से बाहर थे. इनमें A320 नियो श्रेणी के 28 विमान और A321 श्रेणी के 11 विमान शामिल हैं.

इंडिगो के बेड़े में शामिल हैं 300 से ज्यादा विमान

इंडिगो के फ्लीट में 300 से ज्यादा विमान हैं जिनके लिए इंजन की सप्लाई पीएंडडब्ल्यू और सीएफएम करती हैं. वहीं, गो फर्स्ट एयरलाइन के बेड़े में करीब 60 विमान हैं और इकलौती इंजन सप्लायर पीएंडडब्ल्यू ही है. इस संबंध में इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन अपने मूल उपकरण विनिर्माता साझेदारों के संपर्क में है ताकि उसका उड़ान नेटवर्क और परिचालन दुरुस्त बना रहे.

पीटीआई इनपुट्स के साथ