Aircraft Fuel: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने आठ राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों से विमान ईंधन (Aircraft Fuel) पर वैट घटाने का आग्रह किया है. इससे छोटे शहरों से हवाई यातायात में वृद्धि होगी. मंगलवार को सिंधिया ने कहा कि महामारी के बाद हवाई यात्रा की मांग तेज हुई है. महामारी के कारण कई डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स स्थगित हुयी थीं. अब धीरे-धीरे यह सेक्टर वापसी की राह पर लौट रहा है.
इन राज्यों से अपील
सिंधिया ने गोवा, असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार और तमिलनाडु से एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट कम करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इस समय 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विमान ईंधन पर 1-4 प्रतिशत की सीमा में वैट है. इस समय 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विमान ईंधन पर 1-4 प्रतिशत की सीमा में वैट है. विमान ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) अभी भी आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20-30 प्रतिशत तक है और उन्होंने इसे कम करने का आग्रह किया, जो एक एयरलाइन की ऑपरेशन कॉस्ट का एक बड़ा हिस्सा होता है.
हवाई यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ी
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि छोटे शहरों से हवाई यातायात में वृद्धि होगी. घरेलू हवाई यात्रा करने वालों की संख्या कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच रही है, और हाल के दिनों में दैनिक यात्रियों की संख्या दो बार चार लाख का आंकड़ा पार कर गई है. सिंधिया ने कहा कि विमान ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) अभी भी आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20-30 प्रतिशत तक है, और उन्होंने इसे कम करने का आग्रह किया.
यात्रियों की संख्या चार लाख से पार
घरेलू हवाई यात्रा करने वालों की संख्या कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच रही है. दैनिक यात्रियों की संख्या दो बार चार लाख का आंकड़ा पार कर गई है. सिंधिया ने कहा कि विमान ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (VAT) अभी भी 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20-30 प्रतिशत तक है और उन्होंने इसे कम करने का आग्रह किया.
एयरलाइन का 40 फीसदी खर्च केवल फ्यूल पर
हवाई किराया सीधा जेट फ्यूल रेट पर निर्भर होता है. एयरलाइन के ऑपरेशनल कॉस्ट में जेट फ्यूल का योगदान करीब 40 फीसदी होता है. जेट ईंधन (Jet Fuel) की कीमतों को हर महीने की पहली और 16 तारीख को संशोधित किया जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में समान दरों के आधार पर पेट्रोल और डीजल की दरों को दैनिक संशोधित किया जाता है.