नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का जेवर में निर्माण सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मोड से किया जाएगा उत्तर प्रदेश प्रशासन ने शनिवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद नागरिक विमानन विभाग ने एक सरकारी आदेश जारी किया है. इस हफ्ते की शुरुआत में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया कि अधिग्रहित जमीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. (एनएआईएल) को 90 सालों की लीज पर दी जाएगी और डेवलपर का चयन करने की शक्ति भी इसी के पास होगी.

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इन गांवों को स्थानांतरित किए जाएगा

इस प्रोजेक्ट से जुड़ एक अधिकारी के अनुसार छह गांवों -बजौता रजावाहा, रजवाहा, दयानतपुर रजवाह, किश्रेपुर अलपिका और पथावाया नाला- को हवाईअड्डे के निर्माण के लिए दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा. सिंचाई विभाग गांवों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी करेगा. राज्य सरकार ने 1,239.14 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए 2,300 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से 4,500 करोड़ रुपये की वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की है.

सरकारी जमीन मुफ्त में मिलेगी

हवाईअड्डा के निर्माण के लिए चिन्हित जमीन में अगर कोई सरकारी जमीन होगी तो उसे मुफ्त में हस्तांतरित किया जाएगा. राज्य सरकार ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि हवाईअड्डा के लिए अधिग्रहीत जमीन से हटाए गए परिवारों के बच्चों के लिए नई जगह पर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का निर्माण किया जाए. मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग को एक नया 'आंगनवाड़ी' केंद्र बनाने का भी निर्देश दिया है.