नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (NIAL) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जेवर में एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के विकास के लिये निविदा जारी कर वैश्विक कंपनियों से बोली आमंत्रित की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बड़ी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर NIAL का गठन किया है.

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NIAL के अधिकारियों ने कहा कि यह हवाईअड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के बाद दूसरा होगा. इसके पूरी तरह परिचालन में आने पर यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा. इसके विकास में करीब 15,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.

NIAL के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूण वीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल ने लखनऊ में 28 मई को हुई बैठक में बोली दस्तावेज को मंजूरी दे दी. इस बोली को NIAL ने गुरुवार को जारी किया और इसका ब्योरा उसकी वेबसाइट www.nialjewar.com. पर उपलब्ध है. पूरी परियोजना पर 15,754 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है और पहला चरण दो रनवे के साथ 1,300 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पूरा किया जाएगा.’’ 

उन्होंने कहा कि बोली प्रति यात्री आधार पर उपलब्ध होगी. इसे एक चरण में पूरा किया जाएगा और निविदा को इस साल 29 नवंबर को अंतिम रूप दिया जाएगा. सिंह ने कहा, ‘‘विकास कार्य 2020 के शुरू में चालू होगा और पहला चरण 2023 तक पूरा होगा.’’ NIAL के अनुसार हवाईअड्डे के विकास के पहले चरण पर 4,086.54 करोड़ रुपये की लागत आएगी. लागत में 2,848.35 करोड़ रुपये निजी जमीन के अधिग्रहण के मुआवजे, 894.53 करोड़ रुपये परियोजना से विस्थापित परिवार के पुनर्स्थापना और पुनर्वास, 318.66 करोड़ रुपये अतिरिक्त हर्जाना तथा संपत्ति लागत के लिये है. 25 करोड़ रुपये प्रशासनिक लागत के लिये है.