निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने सोमवार को अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को 18 अप्रैल तक रोकने की घोषणा की. संकट से जूझ रही कंपनी के ऋणदाता एयरलाइन को आपात स्थिति के लिए धन देने पर फैसला नहीं कर पाए हैं. एक आंतरिक सूचना में जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने कहा कि एयरलाइन के निदेशक मंडल की बैठक मंगलवार को होगी जिसमें विमानन कंपनी के लिए अगले कदम पर विचार किया जाएगा. 

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दुबे ने पहले कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 19 अप्रैल, गुरुवार तक के लिए रद्द किया गया है. बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक 18 अप्रैल तक जारी रहेगी. 

उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं से कोष नहीं मिलने की वजह से यह फैसला किया गया है. एयरलाइन का प्रबंधन नियंत्रण पिछले महीने उसके ऋण की पुनर्गठन योजना के बाद ऋणदाताओं यानी उसे कर्ज देने वाले बैंकों के पास है. 

दुबे ने कहा कि हमें ऋणदाताओं के साथ काम कर रहे हैं ताकि परिचालन के लिए अंतरिम कोष जुटा सकें. अभी तक हमें यह कोष नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं के साथ बातचीत की मौजूदा स्थिति तथा अन्य संबंधित मामलों को मंगलवार को बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा. 

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एयरलाइन का लंबी दूरी का परिचालन बड़े आकार के बोइंग बी 777 और एयरबस ए330 विमानों के जरिये किया जाता है. वहीं एयरलाइन ने पश्चिम एशिया, दक्षेस और दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों के लिए छोटे बी 737 विमान लगाए हुए हैं.