जेट एयरवेज ने कहा कि कंपनी के लिए कर्जदाताओं द्वारा शुरू की गई समाधान योजना जल्द शुरू होगी और जून में समाप्त होने वाली तिमाही तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की फाइलिंग में कहा कि समाधान योजना के तहत कर्जदाता जेट एयरवेज को 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल अंतरिम वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे. फंसी हुई नकदी निकालने के लिए कंपनी भुगतान की मध्यवर्ती संस्थाओं को भी लगाएगी.

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नरेश गोयल का नियंत्रण समाप्त

उधर, जेट एयरवेज के संस्थापक व प्रमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल द्वारा कंपनी से इस्तीफा देने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में कर्जदाताओं ने कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया है. 

कंपनी ने कहा कि चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद जेट एयरवेज में नरेश गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसदी रह गई है. 

एक अरब डॉलर से अधिक के कर्ज में डूबी जेट बैंकों, आपूर्तिकर्ताओं, पायलट और पट्टेदारों की कर्जदार है. कई पट्टेदारों ने जेट एयरवेज से अपना पट्टा तोड़ना शुरू कर दिया है. 

जून में बेचे जाएंगे शेयर

जेट एयरवेज ने कहा है कि बैंक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नए निवेशक को बेचने के लिए बोली की प्रक्रिया शुरू करेंगे और यह प्रक्रिया जून के आखिर तक पूरी हो सकती है. 

कंपनी के निदेशक मंडल ने कर्जदाताओं के निर्देश पर कंपनी के दैनिक संचालन और नकदी प्रवाह के प्रबंधन व निगरानी के लिए अंतरिम प्रबंधन समिति के गठन को भी मंजूरी प्रदान की. 

एयरलाइन के रोजाना संचालन के प्रबंधन के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है, जिनमें एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार पुरवार, अरुं धति भट्टाचार्य, एयर इंडिया के वर्तमान चेयरमैन अश्विनी लोहानी के नाम शामिल हैं.