जेट एयरवेज की माली हालत का बुरा दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस साल जून महीने से बिगड़ी वित्तीय सेहत के बाद से जेट एयरवेज संभल नहीं सकी है. यही वजह है कि कंपनी धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने अपने कुछ ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं. साथ ही सितंबर महीने में सैलरी नहीं दे पाने की वजह से कंपनी बड़ी छंटनी की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने अक्टूबर के महीने में ही 15 लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है. इसमें मैनेजर, जनरल मैनेजर पद के लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, सिक्योरिटी और सेल्स जैसे डिपार्टमेंट से निकाला गया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेट एयरवेज में छंटनी का दौर शुरू हो गया है. कंपनी अपनी माली हालत सुधारने के लिए कॉस्ट कटिंग करने जा रही है. कंपनी ने जिन लोगों को निकालने का फैसला लिया है, उनमें से कुछ को उम्र की वजह से निकाला गया है. सितंबर महीने में कंपनी ने कोई छंटनी नहीं की थी. लेकिन, अक्टूबर में छंटनी होनी शुरू हो गई है. कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि जेट से कुछ और लोगों को भी निकाला जा सकता है. 

8 विमान भी इस्तेमाल से बाहर

छंटनी के अलावा जेट एयरवेज अपने कुछ ऑपरेशंस भी बंद करने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने चेन्नई और मुंबई एयरपोर्ट पर 8 विमानों को इस्तेमाल से बाहर कर दिया है. इनमें मुंबई में चौड़ी बॉडी वाला एयरबस A330, बोइंग 777 और एक A330 जैसे विमान शामिल हैं. चेन्नई एयरपोर्ट पर तीन एटीआर टर्बोप्रॉप और दो बाइंग नैरो बॉडी 737 प्लेन को खड़ा रखा गया है. 

इंजन भी निकाले गए

सूत्रों के मुताबिक, चेन्नई एयरपोर्ट पर खड़े कंपनी के विमानों के इंजन को भी निकाल दिया गया है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले छह महीने तक इन विमानों का कोई इस्तेमाल नहीं होगा. साथ ही विमानों को बेचने की भी योजना बनाई जा सकती है. हालांकि, जेट एयरवेज की तरफ से इस मामले में कोई सफाई नहीं दी गई है. अफवाह यह भी है कि जेट को लीज पेमेंट की देनदारियां पूरी करने में दिक्कत हो रही है.

दूसरे विमान भी हो सकते हैं खड़े

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के पास इन विमानों की ऑपरेशन कॉस्ट निकालने का भी पैसा नहीं है. कंपनी को रोजाना 8-10 प्लेन का मेंटेनेंस करना होता है. लेकिन, वित्तीय हालात खराब होने से वह इससे ज्यादा प्लेन का इस्तेमाल नहीं कर सकती. फिलहाल 8 विमानों को खड़ा किया गया है लेकिन, कंपनी और भी विमानों का खड़ा कर सकती है. सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो कंपनी नजदीकी समय में 20 विमानों को खड़ा कर सकता है. आपको बता दें, जेट एयरवेज के पास कुल 124 विमान हैं.

क्यों कर रही है ऐसा

एक तरफ वित्तीय हालत को सुधारने की कोशिश, दूसरी तरफ कंपनी बड़ी प्लानिंग कर रही है. बंद किए गए विमानों की कैपेसिटी को नए बोइंग 737 मैक्स प्लेन में शिफ्ट करेगी. जेट ने बोइंग 737 मैक्स जैसे 225 प्लेन ऑर्डर किए हैं. इनमें से 5 की डिलिवरी हो चुकी है. मार्च 2019 तक 6 और प्लेन मिलने की संभावना है. इसके अलावा फ्यूल के दाम में तेजी और रुपये में गिरावट को देखते हुए जेट ने यह फैसला लिया है. पिछले पांच साल में जेट का सैलरी पर खर्च 53 फीसदी बढ़ा है. ऐसे में फ्यूल के बाद कंपनी सबसे ज्यादा रकम सैलरी पर खर्च कर रही है.