केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा है. मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं."

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सरकार ने मांगी रिपोर्ट

उन्होंने कहा, "इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा है." इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने आबू धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

आर्थिक तंगी से जूझ रही है कंपनी

वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं. कंपनी के सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनी ने अपने 123 विमानों में से 50 प्रतिशत का परिचालन बंद कर दिया गया है.

 

जेट ऐयरवेज की उड़ानों में बढ़ा जोखिम

jet Airways के विमान रखरखाव इंजीनियरों के संघ ने विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें तीन माह से सैलरी नहीं मिली है. ऐसे में उड़ानों की सुरक्षा जोखिम में है. जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) ने डीजीसीए को लिखे अपने पत्र में कहा है कि हमारे लिए अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है. इसके परिणामस्वरूप विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है.ऐसे में देश और विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज के विमानों की सुरक्षा जोखिम पर है.